Archana Tiwari Case: मिसिंग अर्चना तिवारी का रहस्य सुलझा, CCTV ने खोला बड़ा राज

Neha Mishra
Archana Tiwari Case
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Archana Tiwari Case: मध्य प्रदेश से नेपाल तक सनसनी फैलाने वाला अर्चना तिवारी मिसिंग केस (Archana Tiwari Missing Case) अब पुलिस की जांच में पूरी तरह उजागर हो गया है। 29 वर्षीय अर्चना, जो इंदौर में रहकर जज बनने की तैयारी कर रही थीं, अचानक लापता हो गईं। परिवार को उन्होंने बताया था कि वे राखी के अवसर पर कटनी जा रही हैं, लेकिन वहां कभी नहीं पहुंचीं। अगले दिन उनका मोबाइल बंद हो गया और मामला रहस्यमयी मोड़ ले गया।

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नया CCTV फुटेज खुलासा

नया CCTV फुटेज खुलासा
नया CCTV फुटेज खुलासा

एक ताजा पुलिस रिपोर्ट और CCTV फुटेज ने इस पूरे केस की पहली गुत्थी सुलझाई। फुटेज में अर्चना तिवारी को इटारसी स्टेशन पर काली साड़ी और घूंघट में देखा गया, जो अपने दोस्त तेजेंद्र का हाथ पकड़े प्लेटफॉर्म से बाहर निकलती हैं। यही वीडियो इस रहस्य की पहली कुंजी साबित हुआ।

क्या यह अपहरण था?

आपको बता दें कि, जांच में पुलिस को पता चला कि यह कोई अपहरण नहीं था। अर्चना ने खुद अपनी गुमशुदगी की कहानी लिखी थी। वकील होने के नाते उन्हें कानून और जांच की बारीकियों की जानकारी थी। उन्होंने मोबाइल फेंककर लोकेशन ट्रैकिंग से बचने की चाल चली, जिससे पुलिस के लिए सुराग ढूँढना कठिन हो गया। 500 से अधिक CCTV फुटेज खंगालने के बाद भी सुराग मुश्किल से मिला।

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दोस्तों की मदद से रचा गया ड्रामा

जांच में सामने आया कि अर्चना ने अपने दोस्तों सारांश और तेजेंद्र की मदद से यह प्लान बनाया। शुजालपुर से बुरहानपुर, हैदराबाद, जोधपुर और दिल्ली होते हुए अर्चना 14 अगस्त को नेपाल पहुंच गईं। उन्होंने नया फोन और सिम भी मध्य प्रदेश से नहीं खरीदा ताकि ट्रैकिंग से बच सकें। इस सफर से साफ दिखता है कि उनकी पूरी “Marriage Escape Plan” बेहद सोची-समझी थी।

नेपाल बॉर्डर तक कैसे पहुंचा मामला…

इंदौर से दिल्ली और फिर नेपाल बॉर्डर तक का सफर अर्चना ने बेहद चालाकी से तय किया। उन्होंने टोल प्लाजा या कैमरे की पकड़ में न आने के लिए लंबा रूट चुना। इसके बावजूद पुलिस की 70 सदस्यीय टीम ने 12 दिन की मेहनत, 500 CCTV फुटेज और कॉल डिटेल्स के आधार पर उनका पता लगा लिया। आखिरकार यूपी-नेपाल बॉर्डर से अर्चना को बरामद किया गया।

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शादी से बचने की थी योजना

बताते चलें कि, पुलिस जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि अर्चना का अपहरण कोई वास्तविक घटना नहीं थी। उनका परिवार पहले से ही एक पटवारी से उनकी शादी तय कर चुका था, लेकिन अर्चना इसके लिए तैयार नहीं थीं। यही वजह थी कि उन्होंने अपनी गुमशुदगी का ड्रामा रचा और नेपाल तक का सफर तय किया।

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