क्या आप भी कर रहे हैं Night Shift, तो बढ़ सकती हैं हेल्थ प्रॉब्लम, रहें सावधान!

रात की नींद की बाते करें, तो हमे पूरी और एक लंबी और अच्छी नींद लेना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है।

Shilpi Jaiswal

वर्तमान में लोगों की लाइफस्टाइल इतनी तेजी से बदलने लगी है, की रहन-सहन से लेकर लोगों के काम करने के तरीके तक में बदलाव आ चुका है। ऐसे में अगर रात की नींद की बाते करें, तो हमे पूरी और एक लंबी और अच्छी नींद लेना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। अगर रात के नींद की तुलना कभी भी दिन के नींद से नहीं की जा सकती है।

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जिससे डायबिटीज, हाइपरटेंशन, तनाव और हार्ट प्रॉब्लम के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। सबसे ज्यादातर चिंता की बात यह कि बहुत कम उम्र के लोग इसके शिकार हो रहे हैं। इन बीमारियों की वजह खराब उनकी लाइफस्टाइल तो है ही, मगर आजकल जो नाइट शिफ्ट का ट्रेंड चल गया है, इसे करने वाले लोग ज्यादा हेल्थ प्रॉब्लम के शिकार हो रहे हैं। नाइट शिफ्ट वालों को अपनी हेल्थ की तरह खास ध्यान देना चाहिए। इससे स्लीप साइकिल बिगड़ने की वजह से एंजाइटी की भी समस्या हो सकती है।

ब्रेस्ट कैंसर

वैसे तो पुरुष ही नाईट शिफ्ट करते हैं मगर बदलते समय के साथ महिलाएं भी लगातार नाइट शिफ्ट करती हैं, लेकिन उन्हें ये नहीं पता की इससे उन्हें कितनी दिक्क्त हो सकती हैं। इससे आपको ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बढ़ सकती है। रात के समय काम करने वाले लोगों का सोने का पैटर्न बिगड़ जाता है, जिससे मेलाटोनिन हार्मोन का स्तर कम होता है। यह हार्मोन कैंसर के खिलाफ रक्षा करने में मदद कर सकता है।

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हार्ट अटैक

वैसे तो हार्ट अटैक आने के कई कारण हो सकते है लेकिन एक कारण ये भी की खराब स्लीप साइकल का प्रभाव आपके हार्ट पर भी पड़ता है। रोजाना नाइट शिफ्ट करने की वजह से नींद खराब होती है और आप में हार्ट अटैक आने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। क्योंकि रात को न सोने की वजह से ब्लड प्रेशर भी प्रभावित होता है, जिसकी वजह से हार्ट अटैक होने की संभावना लगभग 7 प्रतिशत बढ़ जाती है।

डिप्रेशन का खतरा

बता दे, नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों में तनाव की कारण से डिप्रेशन का खतरा भी बढ़ जाता है। डिप्रेशन के कारण उसकी मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है, साथ ही कई और बीमारियों का रिस्क भी बढ़ जाता है।

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हार्मोन की कमी

हमारे हार्मोन कई बार ऊपर नीचे होते रहते है मगर रात को न सोने की वजह से लेप्टिन हार्मोन की मात्रा कम हो जाती है, जिसकी वजह से कई बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है, जिनमें से डायबिटीज भी एक है। लेप्टिन हार्मोन आपके ब्लड शुगर और इंसुलिन को नियंत्रित करता है।

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