Parliament Winter Session: उत्तर प्रदेश के मेरठ से बीजेपी सांसद अरुण गोविल (जो रामानंद सागर की रामायण में ‘राम’ के किरदार के लिए भी जाने जाते हैं) ने लोकसभा में एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा उठाया है। उन्होंने मांग की है कि देश के मस्जिदों और मदरसों में भी अन्य महत्वपूर्ण स्थलों की तरह सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य करने का प्रावधान किया जाए। गोविल ने सदन में कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर मंदिरों, गुरुद्वारों समेत अधिकांश सार्वजनिक और धार्मिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन मस्जिदों और मदरसों में यह व्यवस्था अभी तक पूरी तरह लागू नहीं है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता हो रहा है।
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सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एकसमान मानक
बीजेपी सांसद गोविल ने कहा कि आज देश भर में स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों, बाजारों, मंदिर, चर्च, गुरुद्वारों और अधिकांश सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं। ये कैमरे सुरक्षा, पारदर्शिता और अपराध निरोध में अत्यंत सहायक सिद्ध हुए हैं। उन्होंने तर्क दिया कि मस्जिदें और मदरसे भी बड़े सार्वजनिक और सामुदायिक स्थल हैं, जहाँ सुरक्षा सुनिश्चित करना उतना ही आवश्यक है। उन्होंने कहा, “यह कदम किसी धर्म के विरुद्ध नहीं है, बल्कि राष्ट्र के 140 करोड़ नागरिकों की सुरक्षा के हित में होगा।”
सऊदी अरब का दिया हवाला
गोविल ने अपनी मांग के समर्थन में इस्लाम धर्म के जन्मस्थान सऊदी अरब का भी हवाला दिया। उन्होंने प्रश्न किया कि जब सऊदी अरब के मक्का के मदरसों में भी सुरक्षा कारणों से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, तो भारत में ऐसा करने से हिचक क्यों? उन्होंने कहा, “यदि वहां सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह व्यवस्था अपनाई जा सकती है, तो भारत में समान सुरक्षा मानकों को लागू करने से संकोच क्यों है?” उनके अनुसार, यह स्पष्ट है कि सुरक्षा एक सार्वभौमिक आवश्यकता है, जिसका संबंध किसी विशेष धर्म से नहीं है।
एकसमान राष्ट्रीय सुरक्षा नीति बनाने पर विचार हो
मेरठ सांसद ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह मस्जिदों और मदरसों में भी मंदिरों, स्कूलों, चर्चों तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों की तरह सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य करने हेतु एकसमान राष्ट्रीय सुरक्षा नीति बनाने पर विचार करे। गोविल ने जोर दिया कि “सुरक्षा ना धार्मिक होती है, ना पक्षपाती होती है, सुरक्षा हमेशा राष्ट्रहित और मानवहित में होती है।” उन्होंने सरकार से एकसमान सुरक्षा मानकों को लागू करने पर विचार करने की अपील की ताकि भारत का राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र और अधिक मजबूत हो सके। उन्होंने अपने वक्तव्य का आरंभ और अंत जय श्री राम के उद्घोष के साथ किया।
