Asaduddin Owaisi Slams Pakistan: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सांसदों का प्रतिनिधिमंडल दुनियाभर के देशों में जाकर पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थक चेहरे को उजागर कर रहा है। बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व वाला यह डेलिगेशन बहरीन पहुंचा, जहां उन्होंने भारत का पक्ष मजबूती से रखा और पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की पोल खोल दी।
ओवैसी ने पाकिस्तानी आतंकवाद पर कड़ी टिप्पणी की
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बहरीन में कहा कि आतंकवादी संगठनों ने भारत में निर्दोष लोगों की हत्या को जायज ठहराने के लिए कुरान की आयतों को गलत संदर्भ में प्रस्तुत किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि धर्म का इस तरह इस्तेमाल करना गलत है और इस्लाम आतंकवाद की सख्त निंदा करता है।
ओवैसी का पाकिस्तान को सख्त संदेश
ओवैसी ने कहा कि राजनीतिक मतभेद भले हों, लेकिन देश की अखंडता पर सभी एकमत हैं। उन्होंने पड़ोसी देश पाकिस्तान से अपील की कि वह इस गंभीर मसले को समझे और आतंकवाद के समर्थन के लिए वित्तीय मदद रोकने में बहरीन सरकार का सहयोग करें। उन्होंने पाकिस्तान को FATF की ग्रे सूची में वापस लाने की जरूरत पर भी जोर दिया।
सरकार की सुरक्षा प्राथमिकताओं को लेकर ओवैसी का भरोसा
ओवैसी ने कहा कि सरकार ने हर भारतीय की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाए हैं और यह स्पष्ट कर दिया है कि अगली बार यदि पाकिस्तान ने कोई दुस्साहस किया तो वह उसकी उम्मीद से परे होगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने डेलिगेशन को विदेश भेजा है ताकि दुनिया को भारत के सामने मौजूद आतंकवाद की गंभीरता का एहसास हो।
पाकिस्तान को आतंकवाद का मुख्य स्रोत बताया
ओवैसी ने कहा कि आतंकवाद की समस्या पाकिस्तान के कारण ही बनी है। जब तक पाकिस्तान आतंकवादी समूहों को सहायता और प्रायोजन करता रहेगा, तब तक यह समस्या समाप्त नहीं होगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद से निपटने के लिए पड़ोसी देश की भूमिका महत्वपूर्ण है।
दुनिया के सामने पाक होगा बेनकाब
भारतीय डेलिगेशन अब तक दुनियाभर के 33 देशों में जाकर पाकिस्तान का असली चेहरा दुनिया के सामने ला रहा है। बहरीन में इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा कर रहे हैं। इस टीम में सांसद निशिकांत दुबे, फांगनोन कोन्याक, एनजेपी सांसद रेखा शर्मा, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी, सांसद सतनाम सिंह संधू, गुलाम नबी आजाद और राजदूत हर्ष श्रृंगला शामिल हैं।
यह अभियान भारत के आतंकवाद के खिलाफ कड़े रुख को दर्शाता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों के समर्थन को उजागर करने की दिशा में एक मजबूत पहल है।