Assam eviction clash:असम में अवैध कब्जाधारियों को बेदखल करने को लेकर रणक्षेत्र बन गया है। बताया जा रहा है कि अवैध अतिक्रमण अभियान को लेकर अवैध कब्जाधारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई। पुलिस की जवाबी गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई। दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। कई पुलिसकर्मियों को भी घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अभियान के दौरान झड़प
पिछले कुछ दिनों से ग्वालपाड़ा और धुबरी जिलों के वन क्षेत्रों में अवैध कब्जाधारियों को बेदखल करने की प्रक्रिया चल रही थी। गुरुवार को बेदखल अभियान के दौरान पैकन आरक्षित वन क्षेत्र में तनाव फैल गया।पुलिस और वन विभाग के संयुक्त अभियान शुरू करने ही वाले थे कि तभी खतरा मंडराने लगा । बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों में वन क्षेत्र में कई घर ओप अन्य ढांचे ध्वस्त कर दिए गए। जिनके घर तोड़े गए वे जंगल में तंबुओं में रह रहे थे। आज सुबह जब पुलिस और वन विभाग बचे हुए घर तोड़े जा रहे थे तब झड़पें शुरू हो गईं।
ग्रमीणों ने किया हमला
पुलिस ने बताया कि कम से कम 2000 ग्रमीण एकजुट हुए साथ ही संयुक्त बलो पर पत्थर और लाठियों से हमला कर दिया। कई बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद वे पीछे नहीं हटे। बाद में पुलिस ने भी आत्मरक्षा में जवाबी फायरिंग की। परिणामस्वरूप फायरिंग के दौरान गोली लगने से शौकर हुसैन नामक एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। दो अन्य को गोली लगने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। संयुक्त बलों के कम से कम 15 सदस्य भी घायल हुए। उन्हें स्थानीय गोलपाड़ा अस्पताल में भर्ती कराया गया।
हिमंत बिस्वा सरमा का फूटा गुस्सा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पूरी घटना पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने साफ कहा है कि “सरकारी अधिकारियों पर हमला करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। कड़ी सजा दी जाएगी। निर्देशानुसार वन भूमि को बहाल करने का कार्य जारी रहेगा।” गौरतलब है कि वन भूमि को बहाल करने और अधिक पेड़ लगाने के उद्देश्य से जंगल से बेदखली अभियान चल रहा था। वहां संघर्ष के बावजूद हिमंत बेदखली अभियान के पक्ष में अड़े हुए हैं।
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