विधानसभा चुनाव: चुनावी नतीजे आने से पहले Congress शिकायत लेकर पहुंची चुनाव आयोग

Aanchal Singh

विधानसभा चुनाव: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर देश में राजनीतिक माहौल बहुत ही गरमाया हुआ हैं। मध्य प्रदेश में मतदान हो चुका हैं। सभी दलो की किस्मत का फैसला मतदान पेटियों में बंद हो चुका हैं। चुनावी नतीजे आने तक सभी दल और प्रत्याशी कुछ भी नहीं कर सकते हैं, सिवाय इंतजार करने के। लेकिन Congress को मतगणना से पहले डर सताने लगा हैं, जिसकी वजह से Congress शिकायत लेकर चुनाव आयोग पहुंची।

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कांग्रेस कोई भी रिस्क लेने को तैयार नहीं

मध्यप्रदेश में कांग्रेस फिर से सत्ता आने के लिए बहुत ही बेकरार नजर आ रहीं हैं। यही वजह हैं कि Congress किसी भी तरह का कोई भी रिस्क लेने को तैयार नहीं हैं। कांग्रेस अपने प्रत्याशियों को बुलाकर सभी को ट्रेनिंग भी दे रही है। साथ ही मतदान में गड़बड़ी की कोई भी संभावना होने पर शोर भी मचा रही है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा

सत्ता में आने को लेकर परेशान कांग्रेस ने सोमवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा हैं। जिसमें बालाघाट के जिलाधिकारी के खिलाफ कथित रूप से ‘स्ट्रॉन्ग रूम’ से डाक मतपत्र निकालने और गड़बड़ी करने को लेकर कार्रवाई करने की मांग की है। बता दे कि मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव थे और तीन दिसंबर को मतों की गिनती होगी।

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अनुपम राजन ने आरोपों से इनकार किया

मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुपम राजन ने आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि स्थानीय Congress नेताओं ने प्रक्रिया पर संतुष्टि व्यक्त की है। राजन ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ये सेवा मत (डाक मतपत्र) कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के अधिकृत एजेंट की उपस्थिति में स्ट्रॉन्ग रूम से निकालकर विधानसभा वार अलग-अलग किए गए। उन्हें संबंधित बक्सों में रख दिया गया है।’’

उपाध्यक्ष जे पी धनोपिया ने ज्ञापन में आरोप लगाया

आपको बता दे कि Congress उपाध्यक्ष जे पी धनोपिया ने ज्ञापन में आरोप लगाया है कि डाक मतपत्रों को ‘ट्रेजरी रूम’ से निकाला गया और कर्मियों ने अपनी मर्जी से उन्हें इधर-उधर किया। जिसके बाद उन्होंने मांग की कि इसलिए बालाघाट के जिलाधिकारी गिरीश चंद्र मिश्रा को और चुनाव प्रक्रिया से जुड़े अन्य कर्मियों को निलंबित किया जाए। मिश्रा ने एक बयान में कहा कि स्थानीय तहसील कार्यालय में स्थित स्ट्रॉन्ग रूम को डाक मतपत्रों को अलग-अलग करने के लिए राजनीतिक दलों के अधिकृत चुनावी एजेंट की उपस्थिति में खोला गया था।

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