Atiq Ahmed Murder Case: प्रयागराज का चर्चित उमेश पाल हत्याकांड के बाद माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ (asraf) की पुलिस अभिरक्षा में प्रयागराज लाया गया था। जिसके बाद दोनो की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के बाद से राजनीतिक पार्टियों ने योगी सरकार पर सवाल उठाए थे। सपा के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा था।
उन्होंने कहा कि अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की जानबूझ कर हत्या करवाई गई है। योगी सरकार ने एस सोंची समझी साजिश रची थी। माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और अशरफ हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है। सीएम योगी ने अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड में पुलिस को क्लीनचिट दे दी है। योगी सरकार ने पुलिस अभिरक्षा में हुई अतीक की हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर यह दावा किया है। साथ ही योगी सरकार ने कानपुर के विकास दुबे एनकाउंटर का भी जिक्र किया है।
योगी ने कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाहुबली नेता अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस अभिरक्षा में हत्या के पूरे प्रकरण की जांच सुप्रीर्म कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार ने हलफनामा दाखिल किया है। सुप्रीर्म कोर्ट में हलफनामें में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अतीक अहमद हत्याकांड में निष्पक्ष जांच होगी। जांच में जो भी दोषी पाया जाता है। उसके खिलाफ सरकार कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। यूपी सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट में कहा है कि याचिकाकर्ता ने मुठभेड़ यानी एनकाउंटर की जिन सात घटनाओं का जिक्र कोर्ट में किया है उनमें से सभी घटनाओं की जांच सुप्रीम कोर्ट से पूर्व में जारी निर्देशों और दिशानिर्देशों के पूरे अनुपालन के साथ की गई है।
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3 युवको ने मिलकर की हत्या

माफिया अतीक अहमद और अशरफ को पुलिस अभिरक्षा में प्रयागराज लाया गया था। यहीं पर अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बींच 3 युवको ने हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने तीनों आरोपित को मौके पर ही पकड़ गिरफ्तार कर लिया था। सीएम योगी आदित्यानाथ ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में लिखा है कि एनकाउंटर के जिन मामलों में जांच पूरी हो गई है। अतीक- अशरफ हत्याकांड पर पुलिस की ओर से कोई गलती नहीं पाई गई। यूपी सरकार ने कहा है कि विकास दुबे मामले में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस बी एस चौहान की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था।
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विकरु कांड का किया उल्लेख
जस्टिस चौहान कमीशन को बिकरू कांड और उसके बाद विकास दुबे और उसके कुछ सहयोगियों की मौत की जांच की जिम्मेदारी दी गई थी। मुठभेड़ के दौरान विकास दुबे की मुठभेड़ के दौरान विकास दुबे की हत्या के मामले में जांच में किसी प्रकार का संदेह या कोई शंका सामने नहीं आई।
