Atul Subhash Case Update: हाई कोर्ट ने निकिता सिंघानिया के खिलाफ आरोप रद्द, जांच जारी रखने का आदेश

एफआईआर को खारिज करने से इनकार करने के साथ कोर्ट ने यह संकेत दिया है कि यह मामला केवल एक आत्महत्या से संबंधित नहीं है, बल्कि इसमें पारिवारिक और घरेलू हिंसा के गंभीर आरोप जुड़े हुए हैं।

Shilpi Jaiswal

कर्नाटक हाई कोर्ट का यह फैसला अतुल सुभाष के आत्महत्या मामले में एक अहम मोड़ है, क्योंकि इसने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच को आगे बढ़ाने का आदेश दिया है। एफआईआर को खारिज करने से इनकार करने के साथ कोर्ट ने यह संकेत दिया है कि यह मामला केवल एक आत्महत्या से संबंधित नहीं है, बल्कि इसमें पारिवारिक और घरेलू हिंसा के गंभीर आरोप जुड़े हुए हैं। कोर्ट ने जांच एजेंसी को निर्देश दिया है कि वह मामले की पूरी जांच करे और सभी संबंधित दस्तावेज पेश करे, ताकि मामले के तथ्यों को सही तरीके से सामने लाया जा सके।

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घरेलू हिंसा और पारिवारिक विवादों से जुड़ा मुद्दा

यह मामला घरेलू हिंसा और पारिवारिक विवादों से जुड़ा हुआ है, और अतुल सुभाष ने अपनी आत्महत्या के पीछे अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और अन्य परिवार सदस्यों पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनके द्वारा छोड़ा गया सुसाइड नोट और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे, जिससे पूरे मामले ने देशभर में सनसनी मचा दी थी। इन आरोपों ने यह सवाल उठाया है कि क्या अतुल सुभाष की आत्महत्या के लिए उनके परिवार के सदस्य जिम्मेदार हैं या फिर यह किसी अन्य कारण से हुआ है।

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सुसाइड नोट और वीडियो में मिला सबूत

अतुल सुभाष के सुसाइड नोट और वीडियो में क्या कहा गया, और क्या ये आरोप सही हैं, यह अब जांच का विषय है। कोर्ट के आदेश के बाद, जांच एजेंसी को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी सबूत और गवाहियां ठीक से एकत्र की जाएं और इस मामले के हर पहलू पर गौर किया जाए। यह फैसला इस बात का भी संकेत है कि कोर्ट इस मामले को पूरी गंभीरता से ले रहा है और किसी भी रूप में न्याय से समझौता नहीं करेगा।

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क्या है पूरा मामला?

बेंगलुरू में हुए AI इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड केस में आरोपी निकिता सिंघानिया, उसकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया को बेंगलुरू के सिटी सिविल कोर्ट से जमानत मिल गई है। तीनों ने पहले सत्र अदालत में जमानत की याचिका लगाई थी, जिसके बाद कर्नाटक हाई कोर्ट ने सत्र अदालत को जल्द फैसले का निर्देश दिया था।आज, सिटी सिविल कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए इन आरोपियों को राहत दी और जमानत का आदेश दिया।यह मामला तब सामने आया था जब अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को आत्महत्या कर ली थी। अतुल ने एक 40 पन्नों का सुसाइड नोट और 90 मिनट का वीडियो छोड़ा था, जिसमें उसने अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था। पुलिस ने आरोपियों को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

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