Ayodhya Deepotsav 2024: दिवाली पर रामलला को पहनाए गए खास पीतांबर वस्त्र, दिवाली की खुशियों से सराबोर नजर आयी अयोध्या

इस बार की दिवाली अयोध्या के लिए बेहद खास है क्योंकि भव्य राम मंदिर के निर्माण के बाद यह पहली दिवाली है। इस अवसर को खास बनाने के लिए तैयारियां भी खास की गई हैं। रामलला (बालक राम) को विशेष पीले रंग के वस्त्र पहनाए गए हैं।

Akanksha Dikshit
Ramlala

Ayodhya RamMandir: आज 31 अक्टूबर को पूरा देश दीपों का पर्व दिवाली मना रहा है। चारों ओर उल्लास और उमंग का माहौल है, और हर कोई माँ लक्ष्मी की पूजा के लिए तैयारियों में व्यस्त है। इस बार की दिवाली अयोध्या के लिए बेहद खास है क्योंकि भव्य राम मंदिर के निर्माण के बाद यह पहली दिवाली है। इस अवसर को खास बनाने के लिए तैयारियां भी खास की गई हैं। रामलला (बालक राम) को विशेष पीले रंग के वस्त्र पहनाए गए हैं, जो दिवाली के इस पावन दिन का उल्लास और परंपरा दोनों को एक साथ दिखाते हैं।

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रामलला को दिवाली पर पहनाया गया खास पीतांबर

दिवाली के अवसर पर रामलला को पीले रंग की सिल्क की धोती और वस्त्र धारण कराए गए हैं। पीले रंग के इस रेशमी वस्त्र पर रेशमी कढ़ाई के साथ ही सोने और चांदी के तारों की कारीगरी भी की गई है, जो इसे बेहद आकर्षक और खास बनाता है। बालक रामलला का इस विशेष अवसर पर श्रृंगार भी काफी खास किया गया है, जिसमें विभिन्न आभूषणों और कई लड़ियों की माला से उन्हें सजाया गया है। बालक राम के वस्त्र पर वैष्णव प्रतीकों को चांदी के तारों से सजाया गया है, जो परंपरा और दिव्यता का अद्भुत मेल है।

दीपोत्सव पर हुआ रामलला का भव्य श्रृंगार

रामलला के पीले वस्त्रों के साथ उनका श्रृंगार भी इस अवसर पर बेहद खास था। आभूषणों और कई लड़ियों की माला के साथ सजाए गए रामलला की छवि दिवाली की रोशनी में अलौकिक नजर आई। रामलला के वस्त्रों पर की गई सोने और चांदी के तारों की कढ़ाई दिवाली के इस पर्व पर भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रही।

तीनों भाइयों के लिए भी खास वस्त्र

रामलला के साथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान अन्य प्रतिमाओं को भी पीले वस्त्र पहनाए गए हैं। रामलला के तीनों भाइयों को भी पीले रंग के वस्त्र धारण कराए गए हैं। पीले रंग को शुभ और सौभाग्य का प्रतीक माना गया है और रेशमी वस्त्र को भी शुभ माना जाता है, इसलिए इस रंग और वस्त्र का चयन किया गया है। गुरुवार को पड़ने के कारण पीले वस्त्र में रामलला के दर्शन से भक्तों के मन में एक विशेष श्रद्धा का संचार हो रहा है।

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28 लाख दीपों से सजी अयोध्या

दिवाली की इस भव्यता में अयोध्या में आयोजित दीपोत्सव ने चार चाँद लगा दिए। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरयू नदी के तट पर 28 लाख दीयों को जलाकर नया रिकॉर्ड स्थापित किया गया। यह दीपोत्सव बेहद खास था क्योंकि यह राम मंदिर के उद्घाटन के बाद का पहला दीपोत्सव है। मुख्यमंत्री योगी ने दीपोत्सव के दौरान दिवाली की शुभकामनाएं दीं और इसे भारत में सनातन परंपरा का महत्वपूर्ण त्योहार बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा, “आज का दीपोत्सव उस खुशी और उल्लास को दोहराता है जब हज़ारों साल पहले भगवान श्री राम वनवास के 14 वर्षों के बाद अयोध्या लौटे थे और रामराज्य की शुरुआत हुई थी।” सीएम योगी ने बताया कि इस वर्ष की दिवाली इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि 500 साल के लंबे इंतजार के बाद भगवान श्री रामलला अपने धाम में विराजमान हुए हैं।

दिवाली पर अयोध्या में रोशनी और खुशी का माहौल

अयोध्या की दिवाली इस बार हर मायने में विशेष रही। शहर भर में उल्लास और उमंग का माहौल था और हर घर और मंदिर दीपों से रोशन किया गया। सीएम योगी ने इस मौके पर यह भी कहा कि “राम मंदिर में इस साल की दिवाली न सिर्फ अयोध्या, बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। ये केवल एक पर्व नहीं है बल्कि हमारी संस्कृति और आस्था का प्रतीक है।”

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दीपोत्सव में उमड़े श्रद्धालु

अयोध्या का यह दिव्य दीपोत्सव हजारों भक्तों और श्रद्धालुओं के लिए एक अद्भुत अनुभव रहा। भक्तों ने रामलला के दर्शन कर दिवाली के इस खास पर्व को अपने जीवन में संजोया। सरयू नदी के तट पर 28 लाख दीयों की रोशनी के साथ अयोध्या के कोने-कोने में राम नाम की गूंज और दीपों की रोशनी ने वातावरण को दिव्य और भव्य बना दिया।

500 वर्षों के इंतजार के बाद पहली भव्य दिवाली

अयोध्या में दीपोत्सव और रामलला के भव्य श्रृंगार ने इस दिवाली को एक ऐतिहासिक दिन बना दिया है। राम मंदिर में दीपावली का यह पर्व न सिर्फ एक धार्मिक आयोजन है बल्कि यह उस आस्था और परंपरा का प्रतीक है, जो सदियों से हमारे समाज में चली आ रही है। 500 साल के लंबे इंतजार के बाद रामलला अपने धाम में विराजमान हैं, और इस अवसर पर उनकी दिवाली का पर्व देशभर के श्रद्धालुओं के लिए एक अद्वितीय अनुभव है।

अयोध्या में इस बार की दिवाली अद्वितीय थी। 28 लाख दीयों से सजी सरयू का तट, रामलला का भव्य श्रृंगार और पूरे अयोध्या में उल्लास का माहौल, यह सब मिलकर इस पर्व को एक यादगार बना गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुए इस दीपोत्सव ने दिवाली के उत्सव को एक नई पहचान दी। रामलला के इस दिव्य रूप के दर्शन और दीपोत्सव की ये भव्यता हमेशा के लिए सभी के दिलों में बस गई है।

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