Ayodhya News: अयोध्या में समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद अपने परिवार के साथ राम मंदिर पहुंचे और रामलला के दर्शन किए। दर्शन के दौरान उन्होंने मंदिर परिसर में हाल ही में हुए ध्वजारोहण समारोह में निमंत्रण न मिलने पर नाराज़गी जताई। उनका कहना था कि यदि उन्हें बुलाया जाता, तो वे नंगे पैर मंदिर पहुंचकर दर्शन करते।
Ayodhya News: निमंत्रण न मिलने पर सांसद की नाराज़गी
अवधेश प्रसाद ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए कोई निमंत्रण पत्र नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि वे लगातार इस उम्मीद में थे कि 24 नवंबर को उनका भी निमंत्रण कार्ड आएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों में जनप्रतिनिधियों को बुलाना चाहिए, ताकि वे भी श्रद्धा व्यक्त कर सकें।सपा सांसद ने कहा कि रामलला के दर्शन कर मन को अत्यंत शांति मिली। उन्होंने बताया कि उनके साथ उनकी पत्नी, बेटा अमित, बहू, नाती और बेटी भी मौजूद थे। सभी ने मंदिर में विधिवत दर्शन किए। उन्होंने यह भी बताया कि वे इससे पहले कई बार रामलला के दर्शन कर चुके हैं और हर बार उन्हें एक नई आध्यात्मिक अनुभूति होती है।
Ayodhya News: “अगर बुलाया होता तो नंगे पैर पहुंचता”
निमंत्रण न मिलने को लेकर अपनी नाराज़गी व्यक्त करते हुए अवधेश प्रसाद ने कहा कि यदि उन्हें बुलाया गया होता, तो वे श्रद्धा में नंगे पैर राममंदिर पहुंचते। उन्होंने दावा किया कि प्रशासन ने आम जनता को भी 25 नवंबर को दर्शन की अनुमति नहीं दी थी। उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्होंने जिलाधिकारी से दो-तीन बार बात भी की, लेकिन स्थिति जस की तस बनी रही।अवधेश प्रसाद ने यह भी कहा कि कुछ लोगों ने उन्हें बताया कि शायद उनकी जातिगत पहचान के कारण उन्हें निमंत्रण नहीं भेजा गया। उन्होंने कहा, “लोगों का कहना है कि आप अनुसूचित जाति के हैं, दलित बिरादरी के हैं, पासी समुदाय से हैं, इसलिए शायद आपका कार्ड नहीं आया।” इस टिप्पणी ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में नई चर्चा को जन्म दे दिया है।
ध्वजारोहण कार्यक्रम का हुआ था भव्य आयोजन
अयोध्या के राम मंदिर में 25 नवंबर को भव्य ध्वजारोहण समारोह आयोजित किया गया था। यह आयोजन मंदिर निर्माण की ऐतिहासिक प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण अध्याय माना जा रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपस्थित थे। कार्यक्रम में देशभर से चुनिंदा लोगों को आमंत्रित किया गया था।ध्वजारोहण के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि सदियों से चले आ रहे घाव भरने लगे हैं और संपूर्ण विश्व राममय हो उठा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस दिन देशभर के रामभक्तों के हृदय में अद्भुत उत्साह और संतोष देखा गया। इस कार्यक्रम को राम मंदिर आंदोलन के लंबे संघर्ष का प्रतीक माना गया।
कार्यक्रम से बाहर रहने पर उठे सवाल
जहाँ कई प्रमुख हस्तियों को इस समारोह में आमंत्रित किया गया, वहीं सपा सांसद अवधेश प्रसाद का नाम सूची में शामिल न होना अब राजनीतिक बहस का विषय बन गया है। उनकी नाराज़गी और जातिगत भेदभाव के आरोपों ने कार्यक्रम की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।अवधेश प्रसाद के बयान के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। मामले पर अभी प्रशासन या कार्यक्रम आयोजकों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, सांसद के इस बयान ने अयोध्या के माहौल में नई चर्चा को जरूर जन्म दिया है, जिसमें राजनीति और धर्म-संवेदना दोनों की गूंज सुनाई दे रही है।
