Ayodhya: अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कई नई व्यवस्थाएं की जा रही हैं। अब भक्तों को रामलला के दर्शन के लिए मंदिर परिसर में एक 50 मीटर लंबा ब्रिज और दो लिफ्टों की सुविधा मिलेगी। यह ब्रिज मंदिर के पश्चिमी छोर से परकोटे को जोड़ता है, जिससे भक्त आसानी से मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे।
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वृद्ध और दिव्यांगों के लिए खास सुविधा

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य ने बताया कि यह व्यवस्था वृद्धजनों और दिव्यांगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होगी। जो श्रद्धालु व्हीलचेयर पर आते हैं, वे अब रामलला (भूतल), राम दरबार (प्रथम तल) और परकोटा में स्थित देवी-देवताओं के मंदिरों में भी बिना किसी बाधा के दर्शन कर सकेंगे।
ब्रिज और लिफ्ट की मदद से भक्त बिना सीढ़ियों के सीधे दर्शन कर पाएंगे। यह पूरी व्यवस्था नवंबर 2025 से लागू की जाएगी। लिफ्ट के लिए कोटा कॉरिडोर में लोहे का स्ट्रक्चर तैयार किया गया है, जबकि राम मंदिर का मुख्य निर्माण पूरी तरह पत्थरों से किया गया है जिसमें एक भी लोहे की कील नहीं लगी है।
राम दरबार की आरती में भक्त होंगे शामिल
राम मंदिर में आने वाले श्रद्धालु अब राम दरबार की आरती में भी भाग ले सकेंगे। यह आरती मंदिर के प्रथम तल पर आयोजित की जाती है। इसके लिए ट्रस्ट ने एक ऑफलाइन पास सिस्टम शुरू किया है। भक्तों को अपने आधार कार्ड के साथ ट्रस्ट कार्यालय जाकर आरती पास बनवाना होगा। फिलहाल हर आरती में 15 श्रद्धालुओं को ही अनुमति दी जा रही है।
आरती के पांच स्वरूपों में दो आम श्रद्धालुओं के लिए खुले, राम मंदिर में प्रतिदिन पांच प्रकार की आरती होती है।
मंगला आरती
श्रृंगार आरती
भोग आरती
संध्या आरती
शयन आरती
इनमें से भोग आरती और संध्या आरती में पास की आवश्यकता नहीं होती, ये समय आम श्रद्धालुओं के लिए खुले रहते हैं। बाकी तीन आरतियों मंगला, श्रृंगार और शयन आरती में भाग लेने के लिए पास अनिवार्य है।
ऑनलाइन पास की सुविधा
फिलहाल आरती में भाग लेने के लिए ऑफलाइन पास जारी किए जा रहे हैं, लेकिन भविष्य में ऑनलाइन पास बुकिंग की सुविधा भी शुरू की जाएगी। इससे दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिलेगी।

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