Azam Khan Acquitted: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आज़म खान को अमर सिंह की बेटियों पर की गई कथित टिप्पणी वाले मामले में बड़ी राहत मिली है। लखनऊ की एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने इस केस में आज़म को सभी आरोपों से बरी कर दिया। मामला उस बयान से जुड़ा था, जिसमें आज़म खान पर अमर सिंह की पुत्रियों को एसिड अटैक की धमकी देने का आरोप लगाया गया था।आजम खान की तबीयत खराब होने के कारण वे अदालत में स्वयं उपस्थित नहीं हुए। उन्हें रामपुर जेल ले जाने के लिए पुलिस वाहन भी भेजा गया था, लेकिन आज़म खान ने उसमें बैठने से मना कर दिया। इसके बाद अदालत ने उनकी उपस्थिति वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दर्ज की। अदालत ने तथ्यों और सबूतों की समीक्षा के बाद उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया।
Azam Khan Acquitted: 2018 में दर्ज हुई थी एफआईआर
यह मामला साल 2018 में तब शुरू हुआ था, जब पूर्व सांसद अमर सिंह ने आरोप लगाया था कि आज़म खान ने एक इंटरव्यू के दौरान उनकी बेटियों को एसिड अटैक की धमकी दी। इस आरोप के आधार पर अमर सिंह ने लखनऊ के गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने आज़म के खिलाफ IPC की धारा 153A, 295A और 506 में मुकदमा दर्ज किया था। अमर सिंह ने सरकार से अपनी बेटियों की सुरक्षा बढ़ाने की भी मांग की थी।एफआईआर दर्ज कराते समय अमर सिंह ने कहा था कि वह अपने परिवार को लेकर बेहद चिंतित हैं और ऐसी धमकी को हल्के में नहीं लिया जा सकता। उन्होंने प्रशासन से सुरक्षा उपलब्ध कराने की अपील की थी, जिसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने आज़म खान के खिलाफ जांच शुरू की थी।
Azam Khan Acquitted: दूसरे मामले में मिल चुका है बड़ा झटका
हालांकि आज मिले फैसले ने आज़म खान को राहत पहुंचाई है, लेकिन इससे कुछ समय पहले ही उन्हें एक अन्य मामले में बड़ा झटका लगा था। एमपी-एमएलए कोर्ट ने दो पैन कार्ड मामले में आज़म खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म को दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा सुनाई थी। इस मामले में फैसला सुनाए जाने के दौरान आज़म खान और वादी भाजपा विधायक आकाश सक्सेना कोर्ट में मौजूद थे।
दो पैन कार्ड का पूरा मामला क्या है?
यह विवाद अब्दुल्ला आज़म के दो अलग-अलग जन्म प्रमाणपत्रों के आधार पर दो अलग-अलग पैन कार्ड बनवाने से जुड़ा है। भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप के अनुसार, अब्दुल्ला आज़म ने एक पैन कार्ड 1 जनवरी 1993 की जन्म तिथि पर बनवाया था, जबकि दूसरे पैन कार्ड पर उनकी जन्म तिथि 30 सितंबर 1990 दर्ज थी। इस मामले में आज़म खान को भी सह आरोपी बनाया गया था।
अकाश सक्सेना ने लगाए थे गंभीर आरोप
आकाश सक्सेना का कहना था कि दो अलग-अलग जन्म तिथियों का उपयोग सरकारी दस्तावेजों में धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है। उन्होंने दावा किया कि यह सब आज़म खान की जानकारी और सहयोग से किया गया। इसी आधार पर उन्होंने पिता-पुत्र दोनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिस पर अदालत ने उन्हें दोषी मानते हुए सजा सुनाई।अमर सिंह की बेटियों से जुड़े केस में बरी होने के बाद आज़म खान को बड़ी कानूनी राहत जरूर मिली है, लेकिन दो पैन कार्ड मामले में मिली सजा उनकी चुनौतियों को कम नहीं करती। राजनीतिक और कानूनी दोनों मोर्चों पर उनकी लड़ाई अभी भी जारी है।
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