Azerbaijan SCO Membership:शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की सदस्यता को लेकर भारत और अजरबैजान के बीच तनातनी बढ़ती नजर आ रही है। अजरबैजान ने आरोप लगाया है कि भारत ने उसके पूर्ण सदस्यता आवेदन को रोक दिया है, और इसका कारण पाकिस्तान से उसकी नजदीकी को बताया जा रहा है।यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब अजरबैजान और पाकिस्तान के रिश्ते पहले से काफी मजबूत रहे हैं, और दोनों देशों ने कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ साझा रुख अपनाया है।
अजरबैजान का दावा
चीनी शहर तियानजिन में चल रहे SCO शिखर सम्मेलन में अजरबैजान एक डायलॉग पार्टनर के रूप में शामिल हुआ। एक मीडिया हाउस की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने अजरबैजान के पूर्ण सदस्य बनने के प्रस्ताव का समर्थन किया, लेकिन भारत ने इसका कड़ा विरोध किया।रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत का यह रवैया “शंघाई भावना” के खिलाफ है, जो संगठन के सदस्य देशों के आपसी सम्मान और सहयोग पर आधारित होती है। अजरबैजान का आरोप है कि भारत ने यह फैसला सिर्फ पाकिस्तान से उसकी दोस्ती की वजह से लिया है।हालांकि, भारत की ओर से इस विषय पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
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पाकिस्तान ने शुरू की कूटनीतिक पहल
इस पूरे घटनाक्रम के बीच पाकिस्तान भी कूटनीतिक रूप से सक्रिय होता नजर आ रहा है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री मुहम्मद इशाक डार ने हाल ही में आर्मेनिया के विदेश मंत्री अरारत मिर्जोयान से मुलाकात की है। इस बातचीत में दोनों देशों ने राजनयिक संबंध स्थापित करने पर सहमति जताई।यह विकास ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका की मध्यस्थता में हाल ही में अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच शांति समझौता हुआ है।
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पाकिस्तान की रणनीति में बदलाव?
यह एक बड़ा घटनाक्रम इसलिए भी है क्योंकि पाकिस्तान लंबे समय से आर्मेनिया का विरोध करता आया है, और अजरबैजान के साथ खड़ा रहा है। लेकिन अब माना जा रहा है कि पाकिस्तान अपनी विदेश नीति में बदलाव कर रहा है और अजरबैजान की रज़ामंदी से ही आर्मेनिया से रिश्ते सुधारने की दिशा में कदम उठा रहा है।अजरबैजानी मीडिया का दावा है कि पाकिस्तान और आर्मेनिया के बीच यह नई पहल अजरबैजान के साथ हुई बातचीत के बाद ही शुरू हुई है।
