Mahakumbh में M.Tech वाले बाबा की चर्चा,40 लाख की नौकरी छोड़कर नागा साधु बने एम.टेक बाबा ने बटोरी सुर्खियां

Maha kumbh Viral M.Tech Baba:एमटेक बाबा, जिनका असली नाम दिगंबर कृष्ण गिरी है, एक उच्च शिक्षा प्राप्त और सफल करियर वाले व्यक्ति थे।

Mona Jha
Maha kumbh Viral M.Tech Baba
Maha kumbh Viral M.Tech Baba

Maha kumbh Viral M.Tech Baba:उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेला में आस्था और विश्वास के अनोखे रंग देखने को मिल रहे हैं। इस आयोजन में न केवल साधु-संत, बल्कि कई प्रकार के बाबा भी शामिल हैं, जो अपनी अनोखी कहानियों और जीवनशैली के कारण सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। इन सब में एक नाम है – “एमटेक बाबा”, जिनकी कहानी बेहद दिलचस्प और प्रेरणादायक है।

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एमटेक बाबा का असली नाम और शैक्षिक यात्रा

एमटेक बाबा का असली नाम दिगंबर कृष्ण गिरी है। उनका जन्म एक तेलुगू ब्राह्मण परिवार में हुआ था और उन्होंने अपनी शिक्षा कर्नाटक यूनिवर्सिटी से की। पढ़ाई में अव्‍वल रहने के कारण उन्होंने नामी कंपनियों में काम करने का मौका पाया। दिगंबर कृष्ण गिरी ने एमटेक की डिग्री प्राप्त की थी और इसके बाद उनका करियर बहुत ही सफल था। उन्हें बड़ी कंपनियों से नौकरी के प्रस्ताव मिले, और उनका सालाना पैकेज 40 लाख रुपये था। उनकी महीने की तनख्वाह 3.2 लाख रुपये थी, लेकिन उन्होंने यह सब छोड़कर साधु जीवन को अपनाने का फैसला किया।

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साधु जीवन की ओर रुख

दिगंबर कृष्ण गिरी का मानना था कि ज्यादा पैसे होने से इंसान की आदतें खराब हो जाती हैं और शांति की कमी हो जाती है। यही कारण था कि उन्होंने अपनी नौकरी और भौतिक सुखों को त्यागते हुए साधु जीवन को अपनाया। एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए उन्होंने अपनी यात्रा के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि वे पहले कई अखाड़ों से जुड़ने की इच्छा रखते थे और इसके लिए उन्होंने मेल किया, लेकिन किसी ने उनका जवाब नहीं दिया। इसके बाद, वे हरिद्वार गए और वहां अपनी सारी संपत्ति गंगा में प्रवाहित कर दी। साधु का वेश धारण कर उन्होंने दस दिन तक भीख मांगी और तब उन्होंने यह महसूस किया कि साधु जीवन में शांति और संतोष मिलता है।

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निरंजनी अखाड़े से दीक्षा

दिगंबर कृष्ण गिरी का अगला कदम निरंजनी अखाड़े की ओर था। उन्होंने गूगल पर निरंजनी अखाड़े के बारे में जानकारी ली और वहां जाकर महंत श्री राम रतन गिरी महाराज से दीक्षा ली। 2019 में एक आग के कारण उन्होंने अल्मोड़ा छोड़ दिया और अब वे उत्तरकाशी के एक छोटे से गांव में रहते हैं।

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एमटेक बाबा का जीवन

एमटेक बाबा की कहानी एक उदाहरण है कि किसी भी व्यक्ति के लिए सफलता सिर्फ भौतिक चीजों में नहीं होती, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक संतोष में होती है। उन्होंने अपनी जिंदगी के सबसे बड़े फैसले – एक उच्च वेतन वाली नौकरी को छोड़कर साधु जीवन अपनाने का, एक बहुत बड़ा कदम उठाया। उनका जीवन यह सिखाता है कि कभी-कभी हमें भौतिक सुखों को छोड़कर मानसिक शांति की ओर बढ़ने का निर्णय लेना चाहिए, जो सच्चे सुख का मार्ग है।

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