Babri Masjid In Bengal: हुमायूं कबीर के ऐलान से बंगाल की सियासत में भूचाल, कहा-‘TMC छोड़ दूंगा, पर मस्जिद बनाऊंगा’

बंगाल में 6 दिसंबर को क्या होने वाला है? टीएमसी विधायक ने किया बाबरी मस्जिद बनाने का ऐलान, कहा- 'मुझे पार्टी से निकाल दो, लेकिन मैं मस्जिद बनाऊंगा'! इस बयान से क्यों डरी ममता बनर्जी की पार्टी?

Chandan Das
Babri Masjid In Bengal
Humayun Kabir

Babri Masjid In Bengal: पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बार फिर से धार्मिक और सियासी उबाल आ गया है। मुर्शिदाबाद जिले की भरतपुर विधानसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक हुमायूं कबीर ने एक ऐसा ऐलान किया है जिसने पूरे राज्य में सियासी भूचाल ला दिया है। हुमायूं कबीर ने घोषणा की है कि वह आगामी 6 दिसंबर को एक ‘नई बाबरी मस्जिद’ की नींव रखेंगे। इसके साथ ही, उन्होंने एक और बड़ा कदम उठाते हुए तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा देने और दिसंबर 2025 तक अपनी नई ‘सेक्युलर’ पार्टी बनाने की भी घोषणा कर दी है।

Babri Masjid In Bengal: मुस्लिम समुदाय से चंदा जुटाकर मस्जिद बनाने का संकल्प

विधायक हुमायूं कबीर ने अपने इस संकल्प पर ज़ोर देते हुए कहा, “मैं तृणमूल कांग्रेस छोड़ दूँगा, लेकिन मस्जिद ज़रूर बनाऊँगा। यह मस्जिद किसी सरकारी मदद से नहीं, बल्कि मुस्लिम समुदाय के लोगों से वित्तीय मदद जुटाकर बनाई जाएगी।” उन्होंने चुनौती भरे लहजे में कहा कि “किसी में हिम्मत नहीं है कि इस काम को रोक सके। मैं किसी से नहीं डरता।” उन्होंने बंगाल में मुस्लिम आबादी के बढ़ते आँकड़ों का दावा करते हुए कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार 33 प्रतिशत मुस्लिम थे, जो अब बढ़कर 38 प्रतिशत हो गए हैं, और अगले चार सालों में यह संख्या 40 प्रतिशत तक पहुँच जाएगी।

Babri Masjid In Bengal: मस्जिद के साथ ‘यूनिवर्सिटी और हॉस्पिटल’ बनाने की योजना

हुमायूं कबीर ने 6 दिसंबर को एक कट्ठा ज़मीन पर मस्जिद की नींव रखने की घोषणा की है। उन्होंने आगे की महत्वाकांक्षी योजना बताते हुए कहा कि दिसंबर के तीन-चार महीने बाद 25 बीघा ज़मीन की पहचान की जाएगी और अगले चार साल के भीतर उस ज़मीन पर केवल मस्जिद ही नहीं, बल्कि हॉस्पिटल, यूनिवर्सिटी, होटल और रेस्टोरेंट भी बनाए जाएँगे। उन्होंने सेक्युलरिज्म (धर्मनिरपेक्षता) की परिभाषा पर सवाल उठाते हुए चुनौती दी, “क्या सेक्युलरिज्म सिर्फ मंदिर बनाने के लिए है?”

ममता बनर्जी को चुनौती: “क्या मस्जिद बनाना क्राइम है?”

विधायक हुमायूं कबीर ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की धार्मिक पहलों पर सवाल उठाते हुए अपनी मंशा को सही ठहराया। उन्होंने चुनौती भरे लहजे में कहा, “ममता बनर्जी दीघा में जगन्नाथ मंदिर बना रही हैं, सड़कें ब्लॉक करके दुर्गा पूजा कार्निवल कर रही हैं। अगर मैं मस्जिद बनाने जाऊँ तो यह क्राइम हो जाता है?” उन्होंने मुख्यमंत्री से बातचीत की संभावना को नकारते हुए कहा, “ममता बनर्जी बिज़ी हैं, मैं उनसे क्या बात करूँ?” उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि उन्हें कमज़ोर न समझा जाए और मस्जिद बनाना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि नमाज़ पढ़ना मुसलमानों का फ़र्ज़ है और जब मुसलमानों को मंदिर बनाने पर कोई ऐतराज़ नहीं है, तो मस्जिद बनाने पर ऐतराज़ क्यों होना चाहिए।

नई पार्टी का ऐलान और ‘शहीद’ होने की बात

हुमायूं कबीर ने पहले भी यह कहा था कि वह मस्जिद ज़रूर बनाएँगे। उन्होंने पहले के विवादित बयानों को दोहराते हुए कहा था, “अगर इस काम को करते हुए मुझे और 100 लोगों को शहीद होना पड़े तो मैं शहीद हो जाऊँगा, लेकिन उसी जगह 500 और लोगों को शहीद कर दूँगा। यह मेरा चैलेंज है। यह अयोध्या नहीं, मुर्शिदाबाद है।” उन्होंने अपनी नई पार्टी बनाने की योजना को स्पष्ट करते हुए कहा, “दिसंबर 2025 तक मैं नई पार्टी बनाऊंगा और 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारूंगा। मेरी पार्टी सेक्युलर पार्टी होगी और बंगाली मुसलमान मेरे साथ होंगे।”

विपक्षी बीजेपी का हमला और माइनॉरिटी वोट बैंक पर सवाल

हुमायूं कबीर के इस भड़काऊ ऐलान के बाद बंगाल की सियासत गरमा गई है। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीधा हमला बोला है। बीजेपी ने सवाल किया है कि अगर ममता बनर्जी सच में बाबरी मस्जिद नहीं बनवाना चाहतीं, तो वह अपने विधायक हुमायूं कबीर के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही हैं? बीजेपी के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने आरोप लगाया कि “भारतीय जनता पार्टी ने ममता बेगम से ममता बनर्जी बना दिया है। माइनॉरिटी भी उनकी तुष्टीकरण की पॉलिटिक्स को समझ गए हैं।” उन्होंने यह कहकर विवाद को और बढ़ाया कि “जिसके शरीर में बाबर का खून बह रहा हो, वही बाबरी मस्जिद बनवाना चाहेगा!” बंगाल की राजनीति में अब यह पूरा विवाद माइनॉरिटी वोट बैंक को लेकर एक नई खींचतान को जन्म देता दिख रहा है।

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