Badrinath Pooja: कॉकरोच के बिना अधूरा है बाबा का भोग! जानें बदरीनाथ की चौंकाने वाली परंपरा का रहस्य

बैकुंठ बदरीनाथ धाम में भगवान नारायण भोग लगाने से पहले कॉकरोचों को भोग लगाया जाता है। जिसके बाद भगवान दोपहर का राजभोग ग्रहण करते हैं।

Nivedita Kasaudhan
Badrinath Pooja
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Badrinath Pooja: भारत देश में तीर्थ स्थलों और पवित्र मंदिरों की कमी नहीं है लेकिन हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे हैं जहां भगवान से पहले कॉकरोच को भोग लगता है। बदरीनाथ धाम भगवान विष्णु को समर्पित है यहां भक्त बड़ी संख्या में भगवान नारायण के दर्शन व पूजन के लिए आते हैं। यह धाम भक्तों की आस्था और श्रद्धा का केंद्र माना जाता है।

बैकुंठ बदरीनाथ धाम में भगवान नारायण भोग लगाने से पहले कॉकरोचों को भोग लगाया जाता है। जिसके बाद भगवान दोपहर का राजभोग ग्रहण करते हैं। तो चलिए जानते हैं इस मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य।

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पूजा परंपराएं हैं विशिष्ट

बदरीनाथ धाम में पूजा अर्चना से जुड़ी कई परंपराएं है जिनका पालन सदियों से चला आ रहा है। यहां पर भगवान श्री नारायण के लिए प्रतिदिन पूजा अर्चना के साथ भोग चढ़ाया जाता है। लेकिन बहुत ही कम लोगों को पता है कि बदरीनाथ में रोजाना पूजा परंपरा के दौरान भगवान बदरी विशाल के साथ साथ कॉकरोच, गाय और पशु पक्षियों को भी भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि प्रभु इनको खिलाने के बाद ही खुद भोग ग्रहण करते हैं। आपको बता दें कि बदरीनाथ धाम में भोग की परंपरा सदियों से चली आ रही है।

भगवान नारायण को लगता है प्रतिदिन भोग

बदरीनाथ धाम में जगत के पालनहार भगवान श्री नारायण को प्रतिदिन भोग लगाया जाता है। जिसके तरह प्रभात में भगवान को पंचमेवा भोग अर्पित किया जाता है। वहीं अभिषेक के बाद भगवान को बाल भोग व पितरों के लिए​ पिंड प्रसाद भी तैयार किया जाता है। इसके बाद दोपहर के समय राज भोग में केसर चावल, दाल चावल का भोग के साथ भगवान को लड्डू भी अर्पित किया जाता है।

दोपहर में राजभोग

वहीं संध्याकाल में प्रभु को दूध भात का भोग लगता है। वहीं इस मंदिर से जुड़ी खास बात यह है कि यहां भगवान श्री नारायण को दोपहर का राजभोग लगने से पूर्व कॉकरोच, गाय व पक्षियों को भोग लगाया जाता है। इन्हें भोजन कराने के बाद ही भगवान स्वयं भोजन ग्रहण करते हैं और यह परंपरा सदियों पुरानी मानी जाती है।

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