Bahraich Violence: बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने UP सरकार को दिया सख्त निर्देश,कहा-‘आदेश का उल्लंघन करने वाले सचेत रहें’

Akanksha Dikshit
Supreme court

Bahraich Bulldozer Action: बहराइच हिंसा (Bahraich Violence) मामले में 23 घरों पर बुलडोजर चलाने के आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यूपी सरकार को कड़ी हिदायत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को कल यानी बुधवार तक कोई भी कार्रवाई न करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई बुधवार को की जाएगी और तब तक किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस गवई और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच ने यह आदेश जारी किया।

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यूपी सरकार के बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप

मामला तब सुर्खियों में आया जब 23 घरों पर बुलडोजर चलाने (Bahraich Bulldozer Action) के आदेश के खिलाफ याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई। इस याचिका के जरिए बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से सीयू सिंह ने अदालत में पक्ष रखा और यूपी सरकार की तरफ से एएसजी केएम नटराज ने दलील दी। सीयू सिंह ने अदालत को बताया कि 17 अक्टूबर को बुलडोजर कार्रवाई का आदेश दिया गया था, लेकिन घरों को इसके बारे में नोटिस 18 अक्टूबर की शाम को दिया गया, जो नियमों का उल्लंघन है।

हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद कोई राहत नहीं

याचिकाकर्ता के वकील सीयू सिंह ने यह भी बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench) ने लोगों को अतिक्रमण हटाने के लिए 15 दिनों का समय दिया था। हाईकोर्ट ने यह आदेश 17 अक्टूबर को दिया था, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन ने कोई राहत नहीं दी और नोटिस देर से चिपकाया गया। वकील ने यह भी बताया कि कुछ याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट से भी संपर्क किया था, मगर उन्हें वहां से कोई सुरक्षा नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि हाईकोर्ट का यह आदेश भी एक प्रकार से कार्रवाई पर रोक ही है, लेकिन इसके बावजूद याचिकाकर्ताओं को कोई सुरक्षा नहीं दी गई।

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जस्टिस गवई की सख्त चेतावनी

सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश बहुत स्पष्ट है और यदि यूपी सरकार इस आदेश का उल्लंघन करना चाहती है, तो यह उसकी मर्जी है, लेकिन आदेश की अवहेलना करने वाले अधिकारियों को इसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। हालांकि, जस्टिस गवई ने यह भी कहा कि अगर निर्माण अवैध है या सड़क पर किया गया है, तो सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में कुछ नहीं कर सकती।

23 घरों को बचाने की अपील

याचिकाकर्ता के वकील सीयू सिंह ने अदालत से अपील की कि माई लॉर्ड्स हमें सुरक्षा दें और 23 घरों को बचाया जाए। उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि मामले की जांच और सुनवाई पूरी होने तक कोई कार्रवाई न की जाए। इस पर जस्टिस गवई ने यूपी सरकार के वकील एएसजी केएम नटराज से कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में बुधवार को विस्तृत सुनवाई करेगी, तब तक सरकार किसी भी तरह की कार्रवाई न करे। इन सब दलीलों के बाद पीठ ने कहा है कि, ‘‘यदि वे (यूपी सरकार) हमारे किसी भी आदेश का उल्लंघन करने का जोखिम उठाना चाहते हैं, तो यह उनकी मर्जी है।’’

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क्या है पूरा मामला?

बहराइच में हुई हिंसा (Bahraich Violence) के बाद 23 घरों पर बुलडोजर चलाने का आदेश दिया गया था, जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उन्हें पर्याप्त समय नहीं दिया गया और बिना नोटिस के ही उनके घरों पर बुलडोजर चलाने का आदेश जारी कर दिया गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अतिक्रमण हटाने के लिए 15 दिनों का समय दिया था, लेकिन प्रशासन ने इस आदेश को नजरअंदाज करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल दिया है और कार्रवाई पर बुधवार तक रोक लगा दी है।

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