Bangladesh General Anti-India: बांग्लादेश के सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आज़मी ने एक बार फिर भारत के खिलाफ विवादास्पद बयान दिया है। उनका कहना है कि “जब तक भारत के टुकड़े-टुकड़े नहीं होते, तब तक बांग्लादेश को शांति नहीं मिलेगी।” यह बयान उन्होंने बांग्लादेश के ढाका में आयोजित एक चर्चा सभा के दौरान दिया, जो राष्ट्रीय प्रेस क्लब में हुई। इसके साथ ही, उन्होंने भारत पर आरोप लगाया कि वह बांग्लादेश में लगातार अशांति फैला रहा है, विशेषकर चिटागॉन्ग हिल ट्रैक्ट्स में।
Bangladesh General Anti-India:भारत पर चिटागॉन्ग हिल ट्रैक्ट्स में अशांति फैलाने का आरोप
सेवानिवृत्त जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आज़मी ने बांग्लादेश के चिटागॉन्ग हिल ट्रैक्ट्स में भारत पर अशांति फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “भारत ने हमेशा चिटागॉन्ग हिल ट्रैक्ट्स में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की है।” उनका दावा है कि भारत ने चिटागॉन्ग हिल ट्रैक्ट्स में संघर्ष बढ़ाने के लिए वहां के उग्रवादियों को समर्थन दिया और उनका हथियारों से भी समर्थन किया।
Bangladesh General Anti-India:शेख मुजीबुर रहमान और हसीना सरकार पर भी तंज
आज़मी ने बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान और मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना की नीतियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शेख मुजीबुर रहमान के शासन में भारत ने पर्वतीय चटगांव जनसंहति समिति (PCJSS) के नेताओं को शरण दी और उन्हें हथियार दिए। इसके अलावा, उन्होंने 1997 में शेख हसीना सरकार द्वारा किए गए चिटागॉन्ग हिल ट्रैक्ट्स शांति समझौते को “तथाकथित” करार दिया और इसकी आलोचना की। उनका कहना था कि शांति बाहिनी के हथियार सौंपने की प्रक्रिया केवल दिखावे के लिए थी, और असल में उग्रवादी गतिविधियां जारी रहीं।
भारत-बांग्लादेश के रिश्तों पर असंतोष
ब्रिगेडियर जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आज़मी को यह स्वीकार नहीं है कि बांग्लादेश कभी भारत के करीब आता है। वह बांग्लादेश और भारत के रिश्तों में बढ़ती नजदीकी को लेकर नाराज हैं। उनका कहना है कि बांग्लादेश की शांति तभी संभव है जब भारत का विघटन हो। यह बयान पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर और पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के उसी सपने से मेल खाता है, जो भारत के विभाजन का सपना देखते थे, जो कभी पूरा नहीं हो सका।
चिटागॉन्ग हिल ट्रैक्ट्स में सेना तैनात करने की मांग
अब्दुल्लाहिल अमान आज़मी ने बांग्लादेश सरकार से चिटागॉन्ग हिल ट्रैक्ट्स में सेना तैनात करने की मांग की है। उनका कहना था कि पिछले सरकार के फैसले के तहत चिटागॉन्ग हिल ट्रैक्ट्स से करीब दो सौ आर्मी कैंप हटा दिए गए थे, जिससे उग्रवादी गतिविधियां बढ़ी हैं और इलाके पर नियंत्रण कमजोर हुआ है। इसके अलावा, उन्होंने सरकार से वहां स्थिरता लाने के लिए चार ब्रिगेड सेना तैनात करने का भी सुझाव दिया। उनका यह बयान बांग्लादेश में भारत-विरोधी भावनाओं के बीच आया है और इसने दोनों देशों के रिश्तों में और तनाव पैदा कर दिया है।
भारत-विरोधी बयान से बढ़ सकता है तनाव
रिटायर्ड जनरल का यह बयान बांग्लादेश में पहले से बढ़ रही भारत-विरोधी भावनाओं को और बढ़ावा देने वाला हो सकता है। हाल ही में, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमलों की खबरें भी सामने आई हैं, जो इस बयान से और बढ़ सकती हैं। भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में इस प्रकार के बयान हमेशा जटिलताएं पैदा करते हैं, और इसे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाने वाली घटनाओं के रूप में देखा जा सकता है।
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