Bangladesh Violence: भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता गहराती जा रही है। आवामी लीग ने यूनुस सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है, जिसके चलते राजधानी ढाका समेत कई शहरों में हिंसा भड़क उठी है। देर रात आवामी लीग के कार्यकर्ताओं ने बसों और सरकारी इमारतों में आगजनी की। तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं ने हालात को और गंभीर बना दिया है।
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हाई अलर्ट और सुरक्षा इंतजाम

बढ़ते तनाव को देखते हुए बांग्लादेश सरकार ने देशभर में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। प्रमुख इलाकों में सीमा रक्षकों को तैनात किया गया है ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके। सरकार ने कई जगहों पर बड़ी स्क्रीन लगाकर कोर्ट के फैसले का सीधा प्रसारण करने की व्यवस्था की है, जिससे जनता को सीधे जानकारी मिल सके।
शेख हसीना पर कोर्ट का फैसला
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद सत्ता से बेदखल की गई पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) में आज फैसला आने वाला है। इस फैसले को लेकर पूरे देश में तनाव का माहौल है। शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने देशव्यापी ‘पूर्ण बंद’ का आह्वान किया है। हालांकि यूनुस सरकार ने पहले ही आवामी लीग पर प्रतिबंध लगा रखा है, जिसके चलते हालात और अधिक बिगड़ गए हैं।
शेख हसीना और उनके समर्थकों की प्रतिक्रिया
शेख हसीना इस ट्रिब्यूनल को पहले ही “Kangaroo Court” करार दे चुकी हैं। उनके बेटे और सलाहकार सजीब वाजेद ने चेतावनी दी है कि अगर आवामी लीग पर लगा प्रतिबंध नहीं हटाया गया, तो फरवरी 2026 में होने वाले राष्ट्रीय चुनावों को रोक दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस स्थिति में विरोध हिंसक रूप ले सकता है।
आर्थिक हालात पर असर की आशंका
कोर्ट के फैसले से पहले व्यापारी वर्ग और कारोबारी समुदाय में चिंता का माहौल है। उन्हें आशंका है कि राजनीतिक अस्थिरता से पहले से कमजोर आर्थिक हालात और बिगड़ सकते हैं। निवेश और व्यापार पर इसका सीधा असर पड़ सकता है।
सरकार का सख्त रुख

हिंसा को रोकने के लिए अंतरिम सरकार ने पुलिस और सुरक्षा बलों को सख्त निर्देश दिए हैं। आदेश में कहा गया है कि हिंसा करने वालों पर सीधे गोली चलाई जाए। यह कदम सरकार की गंभीरता और सख्ती को दर्शाता है, लेकिन इससे हालात और अधिक तनावपूर्ण होने की संभावना भी जताई जा रही है।
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