अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति Barack Obama ने लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम में वैश्विक नेतृत्व की आलोचना करते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि दुनिया की 80% समस्याओं की जड़ “बुजुर्ग नेता” हैं, जो सत्ता छोड़ना नहीं चाहते। ओबामा ने भले ही किसी नेता का नाम नहीं लिया, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका इशारा सीधे तौर पर 77 वर्षीय डोनाल्ड ट्रम्प की ओर था।
सत्ता से चिपके रहते हैं ‘पुराने पुरुष नेता’
ओबामा ने कहा, “पुराने लोग, खासकर पुरुष, सत्ता छोड़ने से डरते हैं। उन्हें मौत और नाम खत्म होने का डर रहता है। वे हर चीज पर अपना नाम देखना चाहते हैं, शायद पिरामिडों पर भी।” यह तंज साफ तौर पर उन नेताओं की मानसिकता पर था, जो जीवन के अंतिम पड़ाव तक सत्ता से चिपके रहना चाहते हैं। उन्होंने दोहराया कि “सत्ता सेवा के लिए होती है, जीवनभर चिपके रहने के लिए नहीं।” यह बयान उन्होंने पहले भी 2019 में दिया था, लेकिन इस बार उनके शब्द और अधिक तीखे और स्पष्ट माने जा रहे हैं।
ट्रम्प के हालिया बयानों पर भी ओबामा का निशाना
डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में नेशनल गार्ड की तैनाती बढ़ाने का फैसला लिया था। इसके बाद आलोचकों ने उन्हें “तानाशाह” करार दिया था। हालांकि, ट्रम्प ने जवाब में कहा था, “मैं तानाशाह नहीं हूं, मेरे पास समझदारी है।” ओबामा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह सिर्फ सत्ता की भूख नहीं है, यह सच्चाई और लोकतंत्र पर हमला है।” उन्होंने ट्रम्प की उस विवादास्पद टिप्पणी की भी आलोचना की, जिसमें ट्रम्प ने दवा टाइलेनॉल और बच्चों में ऑटिज्म के बीच कथित संबंध बताया था।
ओबामा: “यह अमेरिका और मानवता के भविष्य की लड़ाई है”
कार्यक्रम के दौरान ओबामा ने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ अमेरिका की राजनीति नहीं, बल्कि पूरी मानवता के भविष्य की लड़ाई है। उन्होंने कहा “एक ओर वे लोग हैं जो लोकतांत्रिक मूल्यों और सामाजिक बदलाव में विश्वास करते हैं, दूसरी ओर ट्रम्प जैसे नेता हैं जो अमेरिका को एक पुरानी सोच और सीमित अधिकारों की ओर वापस ले जाना चाहते हैं।”
ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव वेस स्ट्रीटिंग ने भी ट्रम्प की दवा संबंधी टिप्पणियों की आलोचना करते हुए गर्भवती महिलाओं को सलाह दी कि वे ट्रम्प की बातों को नजरअंदाज करें और डॉक्टर की राय पर भरोसा करें।बराक ओबामा की यह टिप्पणी वैश्विक राजनीति और अमेरिकी चुनावों से पहले बेहद अहम मानी जा रही है। जहां एक ओर वे लोकतंत्र और प्रगतिशील सोच का समर्थन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर परोक्ष रूप से डोनाल्ड ट्रम्प की राजनीतिक शैली, उम्र और सोच को चुनौती दे रहे हैं।

