Bareilly Violence News: बरेली हिंसा मामले में प्रशासन ने एक और कड़ा कदम उठाते हुए मौलाना तौकीर रजा के करीबियों की अवैध संपत्तियों पर कार्रवाई तेज कर दी है। शनिवार को बरेली विकास प्राधिकरण (BDA) ने पीलीभीत बाईपास रोड पर बनी 17 अवैध दुकानों और शोरूम को सील कर दिया। ये दुकानें मौलाना तौकीर रजा के करीबी मोहम्मद आरिफ की बताई जा रही हैं, जिन्हें बिना नक्शा स्वीकृति के अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था।
प्रशासन की दबंग कार्रवाई, क्षेत्र में अफरा-तफरी
कार्रवाई के दौरान इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। भारी संख्या में अधिकारी और पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा। स्थानीय लोग इस कार्रवाई को देख हैरान रह गए, वहीं कुछ दुकानदारों ने मौखिक विरोध भी दर्ज कराया। बरेली विकास प्राधिकरण के एक कर्मचारी ने समाचार एजेंसी IANS को बताया कि ये सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान बिना स्वीकृत नक्शे के बने थे, इसलिए इन्हें सील किया गया।
बुलडोजर की कार्रवाई भी जारी
इससे पहले प्रशासन ने मौलाना तौकीर रजा के एक अन्य करीबी डॉ. नफीस खान के अवैध बारातघर पर बुलडोजर चलाया था। अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि हिंसा और उपद्रव में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, और उनकी अवैध संपत्तियों पर कार्रवाई जारी रहेगी। बरेली हिंसा मामले में पुलिस अब तक 126 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कर चुकी है, जिनमें से 83 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। बाकी फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं।
क्या थी बरेली हिंसा की वजह?
26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद बरेली में माहौल तब बिगड़ गया जब बड़ी संख्या में लोग “I Love Mohammad” के पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरे। इस दौरान कुछ लोगों ने इसका विरोध किया, जिसके चलते दो गुटों के बीच पथराव शुरू हो गया। हालात काबू में लाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव व्याप्त हो गया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए सख्त निर्देश
घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ निर्देश दिए थे कि हिंसा में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा न जाए और अवैध संपत्तियों पर कठोर कार्रवाई की जाए। सरकार का कहना है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बरेली हिंसा मामले में सरकार और प्रशासन की सख्ती से यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के खिलाफ जाने वालों को अब कठोर परिणाम भुगतने होंगे। “बुलडोजर नीति” के तहत तौकीर रजा के करीबियों की संपत्तियों पर कार्रवाई न केवल प्रशासनिक सख्ती को दर्शाती है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि कानून से ऊपर कोई नहीं।
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