Bareilly Violence: बरेली की हिंसा का असर राजनीति पर भी गहरा पड़ रहा है, जहां रोजाना भड़काऊ बयान सामने आ रहे हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी ने मौलाना तौकीर रजा को कड़ा जवाब दिया था, लेकिन इसके बावजूद मौलाना ने फिर से विवादित बयान देकर माहौल को और गर्मा दिया। बरेली में हुई हिंसा के पीछे एक सुनियोजित साजिश थी, जिसे मौलाना पिछले सात दिनों से बारीकी से रच रहे थे। इस घटनाक्रम ने 2010 के दंगों की याद ताजा कर दी, जब भीड़ को उकसाकर शहर को आग के हवाले करने की योजना बनी थी। पुलिस को इस साजिश का कोई अंदाजा नहीं था, जिससे वह पूरी तरह से अप्रत्याशित स्थिति में फंसी रही।
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मौलाना की साजिश और भड़काऊ बयान
मौलाना ने भड़काऊ बयानों के जरिए प्रदर्शन के नाम पर लोगों को इकट्ठा किया। भीड़ के हाथों में पत्थर, हथियार, चाकू, लाठी-डंडे और पेट्रोल बम थे, जो हिंसा की तैयारी का स्पष्ट संकेत थे। पुलिस ने सही समय पर स्थिति को संभाला नहीं तो शहर 15 साल पहले जैसे दंगों की आग में जल सकता था। पुलिस को यह अंदाजा तक नहीं था कि प्रदर्शन न करने का पत्र सिर्फ एक छलावा था। मौलाना ने इस पत्र के जरिए पुलिस को गुमराह किया था ताकि वे बेफिक्र रहें।
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मौलाना के वीडियो ने सब कुछ बदल दिया
आपको बता दें कि, जब पुलिस को प्रदर्शन न करने का पत्र मिला तो उन्होंने थोड़ी राहत महसूस की। लेकिन अगले ही दिन मौलाना का एक वीडियो वायरल हुआ जिसने हालात को पूरी तरह बदल दिया। नमाज के बाद भीड़ ने अचानक पुलिस पर हमला कर दिया, जिससे पुलिस भी दंग रह गई।
एसएसपी ने अलग-अलग जरूरी जगहों पर पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई थी, जिसके कारण पुलिस ने उपद्रव को जल्द ही काबू में कर लिया। मौके से पेट्रोल बम, कारतूस और तमंचा बरामद होना मौलाना की साजिश का खुलासा था।
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इंटरनेट मीडिया से हो रहा था उपद्रव का संचालन

पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि पूरे उपद्रव को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से नियंत्रित किया जा रहा था। आईएमसी (इंडियन मुस्लिम कमेटी) के कई पदाधिकारियों जैसे नदीम, अनीस समेत अन्य की भूमिका सामने आई।
पुलिस ने इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच तेज कर दी है। नदीम के फोन से उपद्रव के दौरान कई संदिग्ध वाट्सएप कॉल और संदेश मिले, जिससे साफ हो गया कि उपद्रव की योजना सोशल मीडिया के जरिए ही चलाई जा रही थी।
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सात दिनों से चल रही थी तैयारी
मौलाना तौकीर रजा ने इस हिंसा की योजना सात दिनों पहले से बनानी शुरू कर दी थी। पुलिस की लापरवाही के कारण उनकी योजना सफल होती नजर आई। जिन घटनाओं को अभी तक पुलिस समझ पाई, वे इस बड़े साजिश का केवल हिस्सा थीं। पुलिस ने हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ कर कई अहम सुराग जुटाए हैं, जिनसे इस पूरी साजिश के तार जुड़ते जा रहे हैं।
