BCCI Dream11 Breakup : Online Game Bill कानून बनने के बाद अब BCCI नए स्पॉनसर की तलाश में है। गौरतलब है कि संसद को दोनों सदन से पारित Online Game Bill को राष्ट्रपति ने मंजूरी देने के बाद सट्टा बजार में संकट का बादल मडराने लगा है। जिसके चलते भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने Dream11 से नाता तोड़ लिया है। BCCI सचिव देबजीत सैकिया ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने यह भी कहा कि बोर्ड भविष्य में ऐसे किसी संगठन के साथ अनुबंध नहीं करेगा। गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न बादल अधिवेशन में पारित ‘ऑनलाइन गेमिंग के प्रचार और विनियमन विधेयक’ के कारण Dream11 और My11 Circle जैसे फैंटेसी ऐप्स बंद हो सकते हैं।
बोर्ड सचिव देबजीत सैकिया ने बताया कि ऑनलीन गेमिंग विधेयक के बाद BCCI और Dream11 एक दूसरे से नाता तोड़ रहे हैं। BCCI भविष्य में ऐसी किसी संगठन के साथ अनुबंध नहीं करेगा । उन्होंने यह भी कहा – नए नियमें के अनुसार BCCI Dream11 या ऐसे किसी गेमिंग संगठन के संपर्क में नहीं रह सकता । हमें अब कोई विकल्प तलाशना होगा ।
Dream11 और My11 Circle के अनुबंध पर प्रभाव
Dream11 का BCCI के साथ तीन साल का अनुबंध था, जो अगले साल मार्च तक वैध था और इसके लिए Dream11 ने लगभग 358 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। इसके अलावा, My11 Circle का पांच साल का सहयोगी प्रायोजन अनुबंध था। लेकिन नए ऑनलाइन गेमिंग कानून के कारण ये दोनों कंपनियां अपनी वैधता खोती नजर आ रही हैं, जिससे BCCI को अपने प्रायोजन रणनीति में बदलाव करना पड़ रहा है।
आगे की चुनौतियां और संभावनाएं
BCCI के सामने अब बड़ी चुनौती यह है कि वह नए प्रायोजकों को खोजे जो बोर्ड के लिए वित्तीय सहयोग प्रदान करें। विशेष रूप से, आने वाले एशिया कप में भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पर प्रायोजक का नाम न होना चिंता का विषय हो सकता है। सैकिया ने कहा, “हमारे पास अभी भी लगभग 15-20 दिन हैं, उम्मीद है कि हम जल्द ही एक बेहतर विकल्प खोज लेंगे।” भारत में ऑनलाइन गेमिंग के नियमन से क्रिकेट प्रायोजन की दुनिया में बड़े बदलाव आ रहे हैं। BCCI का Dream11 से नाता तोड़ना इस बदलाव की सबसे बड़ी मिसाल है। अब देखना यह होगा कि बोर्ड नए प्रायोजकों के साथ कैसे नए अवसरों का निर्माण करता है और भारतीय क्रिकेट को वित्तीय रूप से स्थिर बनाए रखता है।
