चुनाव से पहले SC ने EVM-VVPAT पर की अहम सुनवाई, पूछा -“इसकी क्या गारंटी है कि मशीनों के साथ छेड़छाड़ संभव नही है”

Aanchal Singh

Supreme Court Judgement:लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पहले चरण के मतदान कल से शुरू हो जाएगें. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से डाले गए वोटों का वीवीपीएटी सिस्टम के जरिए निकलने वाली पर्चियों से मिलान की मांग करने वाली याचिकाओं पर आज सुनवाई की है. इस दौरान मामले पर सुनवाई कर रही जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने चुनाव आयोग से कहा कि, “ये (एक) चुनावी प्रक्रिया है. इसमें पवित्रता होनी चाहिए. किसी को भी ये आशंका नहीं होनी चाहिए कि जिस चीज की उम्मीद की जा रही है, वो नहीं हो रही है.”

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जज ने पूछा,किस सिंबल को प्रकाशित करना है?

चुनाव आयोग के अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट में EVM से संबंधित जानकारी देते हुए कोर्ट को बताया कि ईवीएम प्रणाली में तीन यूनिट होते हैं, बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और तीसरा वीवीपीएटी. बैलेट यूनिट सिंबल को दबाने के लिए है, कंट्रोल यूनिट डेटा संग्रहीत करता है और वीवीपीएटी सत्यापन के लिए है. इस पर जज ने पूछा तो फिर वीवीपैट को कैसे पता चलता है कि किस सिंबल को प्रकाशित करना है?

जज द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए चुनाव आयोग के अधिकारी ने बताया कि, कंट्रोल यूनिट VVPAT को प्रिंट करने का आदेश देती है. ये मतदाता को 7 सेकंड तक दिखाई देता है और फिर ये वीवीपीएटी के सीलबंद बॉक्स में गिर जाता है. प्रत्येक कंट्रोल यूनिट में 4 MB की मेमोरी होती है. मतदान से 4 दिन पहले कमीशनिंग प्रक्रिया होती है और सभी उम्मीदवारों की मौजूदगी में प्रक्रिया की जांच की जाती है और वहां इंजीनियर भी मौजूद होते हैं.

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पारदर्शिता की उठाई मांग

सुनवाई के दौरान ADR के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि कम से कम ये आदेश दिया जाए कि वीवीपैट मशीन पारदर्शी हो और उसमें बल्ब लगातार जलता रहे, ताकि वोटर को पूरी तरह पुष्टि हो सके. इसके बाद, वकील संजय हेगड़े ने कहा कि, सभी वीवीपैट पर्चियों को गिनने पर विचार हो. अगर अभी ये नहीं हो सकता, तो कोर्ट अभी हो रहे चुनाव की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए कुछ अंतरिम आदेश दे. बाकी मुद्दों पर बाद में सुनवाई हो.

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इसकी क्या गारंटी है कि मशीनों के साथ छेड़छाड़ संभव नही है

मामले पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने ईसीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह से कहा कि, ‘कृपया कोर्ट को पूरी प्रक्रिया समझाएं. मामले की सुनवाई कर रहे बेंच ने कहा कि, मशीनों को कैसे सक्षम बनाया जाता है, यदि आवश्यक हो तो उम्मीदवार किस चरण की जांच कर सकते हैं. साथ ही इसकी गारंटी है कि मशीनों के साथ कोई छेड़छाड़, चिप्स में बदलाव, डेटा की पुनर्प्राप्ति आदि संभव नहीं है.

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ईवीएम और वीवीपैट में भाजपा के लिए अतिरिक्त वोट दर्ज किए गए

ADR के वकील प्रशांत भूषण ने एक समाचार लेख का हवाला देते हुए पीठ के समक्ष कहा कि, केरल के कासरगोड में एक मॉक पोल हुआ था और कुछ ईवीएम और वीवीपैट में भाजपा के लिए एक अतिरिक्त वोट दर्ज किया जा रहा था. इस पर पीठ ने ईसीआई के वकील और अधिकारी से गौर करने को कहा.

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