Bengaluru News:बेंगलुरु के व्यस्त एवेन्यू रोड पर एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे शहर में सनसनी फैला दी। एक महिला द्वारा 90,000 रुपये की साड़ियां चोरी करने के बाद दुकानदार द्वारा उसकी सार्वजनिक रूप से की गई पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। यह घटना पूरी तरह दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई है, जिसे देखकर लोग दंग रह गए।
कौन थी वह महिला और कैसे पकड़ी गई?
पुलिस द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, महिला की पहचान हम्पम्मा के रूप में हुई है। वह पहली बार जब दुकान में गई, तो साड़ियों का एक बंडल चोरी करने में सफल रही। CCTV फुटेज में यह साफ देखा जा सकता है कि उसने कई बार प्रयास किए और आखिरकार साड़ियों को लेकर वहां से निकल गई। चोरी की यह पहली घटना कुछ समय तक छुपी रही, लेकिन जब वह दोबारा उसी दुकान में पहुंची, तब मामला बिगड़ गया।
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चोरी की कोशिश में दोबारा पकड़ी गई महिला
दूसरी बार जब हम्पम्मा दुकान में पहुंची और चोरी करने का प्रयास करने लगी, तो दुकानदार ने उसे पहचान लिया। फिर जो हुआ, वह न केवल दुकान के अंदर बल्कि सड़क पर भी सबके सामने हुआ। गुस्साए दुकानदार ने महिला को पकड़कर सड़क पर लाकर बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। उसने महिला को थप्पड़ और लात मारे, जबकि आसपास खड़े लोग यह सब अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड करने लगे।
CCTV फुटेज ने खोले पूरे मामले के राज
इस घटना की सबसे बड़ी गवाह बनी दुकान की CCTV फुटेज। इसमें साफ देखा जा सकता है कि महिला किस तरह साड़ियों के बंडल चुराने के लिए मौके की तलाश कर रही थी। पहले प्रयास में वह सफल हो गई, लेकिन दूसरा प्रयास उसकी गलती साबित हुआ। दुकानदार ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए महिला को रंगे हाथों पकड़ लिया।
पुलिस ने दोनों पक्षों पर की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों पर अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया। महिला के खिलाफ चोरी का मामला दर्ज किया गया, वहीं दुकानदार और उसके सहायक पर महिला के साथ मारपीट का केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
सोशल मीडिया पर चर्चा
सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल होते ही बहस छिड़ गई। कुछ लोग दुकानदार के समर्थन में सामने आए और बोले कि चोरी की सज़ा मिलनी चाहिए। वहीं, कुछ लोगों ने दुकानदार की हिंसक प्रतिक्रिया की आलोचना की और कहा कि कानून हाथ में लेना सही नहीं है। यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि क्या चोरी जैसे अपराधों में आत्मन्याय करना स्वीकार्य है?
