Bhargavastra counter swarm drone system: आज के दौर में युद्ध की परिभाषा तेजी से बदल रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और अत्याधुनिक तकनीकों के साथ अब ड्रोन जैसे उपकरण युद्ध का मुख्य हथियार बनते जा रहे हैं। हाल के वर्षों में भारत-पाकिस्तान के बीच और रूस-यूक्रेन युद्ध में ड्रोन का बड़े पैमाने पर प्रयोग हुआ है। ऐसे समय में भारत ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और सशक्त बनाते हुए स्वदेशी ‘भार्गवास्त्र’ ड्रोन-रोधी प्रणाली का सफल परीक्षण किया है, जो देश की सैन्य क्षमताओं को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
क्या है ‘भार्गवास्त्र’?

‘भार्गवास्त्र’ एक अत्याधुनिक एंटी-ड्रोन हथियार प्रणाली है, जिसे सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड द्वारा स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है। यह प्रणाली एक साथ 64 गाइडेड माइक्रो-मिसाइल दाग सकती है, जिससे यह एक साथ कई ड्रोन या ड्रोन झुंडों को पूरी तरह से नष्ट करने में सक्षम है। इसकी यह क्षमता इसे मौजूदा एंटी-ड्रोन प्रणालियों से कई गुना अधिक शक्तिशाली बनाती है।
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सफल परीक्षण
हाल ही में हुए परीक्षण में ‘भार्गवास्त्र’ प्रणाली ने शानदार प्रदर्शन किया। इस दौरान दागी गई सभी माइक्रो-मिसाइलों ने अपने निर्धारित टारगेट्स – यानी ड्रोन – को सटीकता से निशाना बनाकर नष्ट किया। यह परीक्षण इस प्रणाली की विश्वसनीयता और संचालन क्षमता को सिद्ध करता है।
कम लागत में बड़ी ताकत

‘भार्गवास्त्र’ की सबसे खास बात यह है कि इसे बेहद कम लागत में विकसित किया गया है। इसके निर्माण में देश की घरेलू तकनीक और संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया गया है, जिससे यह न केवल सामरिक दृष्टि से बल्कि आर्थिक रूप से भी देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
ड्रोन युद्धों का प्रभावी समाधान
ड्रोन झुंडों (Drone Swarms) के खिलाफ लड़ाई में ‘भार्गवास्त्र’ एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। पारंपरिक हथियारों से ऐसे झुंडों से निपटना मुश्किल होता है, लेकिन यह प्रणाली एक साथ दर्जनों टारगेट्स को खत्म करने में सक्षम है। यह भारत की सीमाओं की रक्षा में अहम भूमिका निभा सकती है, खासकर पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसियों के ड्रोन हमलों से निपटने में।
भारत की आत्मनिर्भर रक्षा शक्ति
‘भार्गवास्त्र’ न केवल एक सैन्य उपकरण है, बल्कि यह भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति ‘मेक इन इंडिया’ का भी प्रतीक है। यह प्रणाली दिखाती है कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में तेजी से तकनीकी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। इसका विकास और सफल परीक्षण भविष्य के युद्धों में भारत को एक नई मजबूती और रणनीतिक बढ़त प्रदान करेगा।