Bhilwara News: स्वस्तिधाम जैन मंदिर में करोड़ों की चोरी, मुनि सुवर्तनाथ की प्रतिमा से सोने-चांदी के आभूषण ले उड़े चोर

Aanchal Singh
Bhilwara News
Bhilwara News

Bhilwara News: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर स्थित प्रसिद्ध स्वस्तिधाम जैन मंदिर में बीते गुरुवार देर रात एक बड़ी चोरी की वारदात सामने आई है। चोरों ने मंदिर में स्थापित मुनि सुवर्तनाथ भगवान की प्रतिमा से करीब 1 किलो 300 ग्राम सोने का आभामंडल और 3 किलो चांदी के चरण चिन्ह चुरा लिए। चोरी गए सामान की अनुमानित कीमत करीब 1 करोड़ 28 लाख रुपये बताई जा रही है।

Read More: RBSE Rajasthan Board Result 2025: राजस्थान बोर्ड 10वीं 12वीं ​का रिजल्ट जल्द होगा जारी… छात्र ऐसे करें स्कोर चेक

सीसीटीवी में कैद हुआ चोर

बताते चले कि, मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में एक संदिग्ध व्यक्ति सफेद शर्ट और नीली पैंट में दिखाई दिया। फुटेज के मुताबिक, चोर पहले प्रतिमा के आसपास घूमता रहा और फिर योजनाबद्ध तरीके से पीछे से आभामंडल निकाल कर चुरा लिया। इसके बाद उसने चांदी के चरण चिन्ह भी निकाले और खिड़की से चुन्नी के फंदे की सहायता से नीचे उतरकर फरार हो गया।

मंदिर कमेटी ने जताई चिंता

स्वस्तिधाम जैन मंदिर कमेटी के मंत्री पारस जैन ने बताया कि चोरी रात करीब 1 बजे हुई। उन्होंने कहा कि यह केवल चोरी नहीं, बल्कि जैन समाज की गहरी आस्था पर आघात है। उन्होंने मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर चिंता जताते हुए प्रशासन से और अधिक मजबूत सुरक्षा इंतजामों की मांग की है. कमेटी के अनुसार, मंदिर में पहले से ही निजी स्तर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, इसके बावजूद चोरों ने बड़ी चालाकी से चोरी को अंजाम दिया। इससे स्थानीय लोगों में भी खौफ और गहरी नाराजगी है।

पुलिस जांच में जुटी

थाना अधिकारी राजकुमार नायक ने बताया कि मंदिर कमेटी की शिकायत पर अज्ञात चोरों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। पुलिस उच्च अधिकारियों के साथ घटना स्थल का निरीक्षण कर रही है और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चोर की पहचान करने में जुटी है। आसपास के क्षेत्रों में संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।

स्वस्तिधाम का इतिहास

स्वस्तिधाम मंदिर में विराजित मुनि सुवर्तनाथ भगवान की प्रतिमा वर्ष 2013 में जहाजपुर नगर के आशापुरा माताजी मोहल्ले में एक मुस्लिम परिवार के घर खुदाई के दौरान प्रकट हुई थी। महावीर जयंती के दिन, 23 अप्रैल 2013 को इस प्रतिमा को जैन समाज ने मंदिर में विधिवत रूप से स्थापित किया था। प्रतिमा के प्रकट होते समय नीले, हरे और स्लेटी रंगों में उसका रंग बदलता देखा गया था और नाभि से दिव्य रोशनी निकलती हुई दिखाई दी थी। यह घटना पूरे क्षेत्र में चमत्कार के रूप में देखी गई थी और तब से यह मंदिर श्रद्धा और आस्था का प्रमुख केंद्र बन चुका है।

Read More: RBSE 10th 12th result 2025: राजस्थान बोर्ड रिजल्ट 2025 इस दिन होगा जारी…ऐसे करें चेक?

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version