Bhuvneshwar Kumar: भुवनेश्वर कुमार का जन्म 5 फरवरी 1990 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हुआ था। उनके पिता किरण पाल सिंह यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे, जबकि उनकी मां इंद्रेश सिंह एक हाऊसवाइफ हैं। भुवनेश्वर की बड़ी बहन रेखा ने उनके खेल के प्रति जुनून को पहचाना और उन्हें 12 साल की उम्र में कोचिंग के लिए लेकर जाती थीं। भुवनेश्वर कुमार ने अपने बचपन के दिनों में विक्टोरिया पार्क में अभ्यास किया, जहां उनके पहले कोच संजय रस्तोगी ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें कोचिंग देना शुरू किया।
Read More: IND vs SA Women U19: भारत की बेटियों ने रचा इतिहास, SA को हराकर लगातार दूसरी बार वर्ल्ड कप जीता
रणजी में सचिन को शून्य पर आउट कर भुवनेश्वर ने मचाया तहलका

साल 2008-09 में रणजी ट्रॉफी में यूपी और मुंबई के बीच मुकाबला हुआ, जहां भुवनेश्वर कुमार ने सचिन तेंदुलकर को शून्य पर आउट किया था। इस शानदार प्रदर्शन के बाद क्रिकेट पंडितों को उम्मीद हो गई कि भारत को एक नया स्टार तेज गेंदबाज मिल गया है। इस अद्वितीय सफलता के बाद भुवनेश्वर ने अपनी क्रिकेट यात्रा को और भी मजबूती से आगे बढ़ाया।
भुवनेश्वर कुमार का धमाकेदार अंतरराष्ट्रीय डेब्यू और इंग्लैंड में रिकॉर्ड
भुवनेश्वर कुमार ने 30 दिसंबर 2012 को पाकिस्तान के खिलाफ वनडे मैच में पदार्पण किया। अपनी पहली ही गेंद पर उन्होंने मोहम्मद हफीज को आउट कर तहलका मचाया। इसके बाद 22 फरवरी 2013 को भुवी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच में भी डेब्यू किया। इंग्लैंड दौरे पर भुवनेश्वर ने 2014 में कुल 19 विकेट लिए और तीन अर्धशतक जड़ने का भी रिकॉर्ड दर्ज किया।
आईपीएल में भुवनेश्वर कुमार का स्विंग जादू और पर्पल कैप जीतने का इतिहास

भुवनेश्वर कुमार आईपीएल के सबसे सफल गेंदबाजों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने दो सीज़न में सबसे ज्यादा विकेट लेने के लिए पर्पल कैप भी जीती है। उनकी स्विंग गेंदबाजी और स्टामिना ने उन्हें इस लीग में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना दिया। आईपीएल में अपने बेहतरीन प्रदर्शन के कारण उन्हें हमेशा टीमों का पसंदीदा गेंदबाज माना गया।
रिकॉर्ड्स और अद्वितीय उपलब्धियों का सफर
भुवनेश्वर कुमार ने अब तक 63 टेस्ट, 141 वनडे और 90 टी20 विकेट भारतीय टीम के लिए लिए हैं। टेस्ट में उन्होंने 552, वनडे में 552 और टी20 में 67 रन भी बनाए हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन टी20 क्रिकेट में 5 विकेट 4 रन देकर रहा है, जो एक शानदार उपलब्धि है। वह घरेलू क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर को शून्य पर आउट करने वाले एकमात्र गेंदबाज हैं।
चोटों से जूझते हुए भुवनेश्वर कुमार ने साबित किया अपना जलवा

भुवनेश्वर कुमार ने कई बार चोटों का सामना किया है, जिससे उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा। लेकिन अपनी कठिन मेहनत और समर्पण से उन्होंने हमेशा वापसी की। आईपीएल में लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हुए उन्होंने खुद को एक स्टार खिलाड़ी के रूप में साबित किया।
संघर्ष और सफलता की अनोखी कहानी
साल 2024-25 में भुवनेश्वर कुमार को घरेलू क्रिकेट में यूपी टीम में जगह मिली। इसके अलावा, उन्होंने यूपी टी20 लीग में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया। हालांकि, उन्होंने भारतीय टीम के लिए 2022 में अपना आखिरी वनडे मैच खेला और 2022 के टी20 विश्व कप में अपना अंतिम मैच खेला। फिर भी भुवनेश्वर का करियर भारतीय क्रिकेट में एक चमकते सितारे के रूप में याद किया जाएगा।भुवनेश्वर कुमार की कहानी न केवल क्रिकेट की दुनिया में उनकी सफलता की है, बल्कि यह उनके समर्पण, मेहनत और संघर्ष की भी कहानी है।
Read More: IND vs SA: महिला अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप 2025 में भारत और दक्षिण अफ्रीका आमने-सामने, किसकी होगी जीत?