सावन के पहले दिन से धर्मनगरी हरिद्वार भोले के जयकारों से गूंजने लगी है। पवित्र सावन माह 4 जुलाई से शुरु हो गया है। वही पवित्र माह सावन के कांवड़ यात्रा को लेकर के उत्तराखंड पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर खास इंतजाम किये हैं। CCTV और ड्रोन से नज़र रखी जाएगी।

Kanwar Yatra: इस सावल सावन का पवित्र महीना (Sawan) मंगलवार (4 जुलाई) से शुरु हो गया है। वही सावन कांवड़ यात्रा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने मंगलवार से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा के मद्देनजर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की है। सभी कांवड़ यात्रीयों पर CCTV और ड्रोन से नज़र रखी जाएगी। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने सोमवार को कहा, कल से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा के चप्पे-चप्पे पर पुलिस की नजर रहेगी, हर जोन पर नजर रखने के लिए 333 सीसीटीवी के अलावा ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
कांवड़ यात्रा के दौरान पुलिस ने लिया बड़ा निर्णय…

उत्तराखंड पुलिस की ओर से 2 जुलाई को कावंड़ यात्रा को लेकर समीक्षा बैठक की गई। जिसमें निर्णय लिया गया कि यात्रा को सुचारू रूप से और पूरी सुरक्षा के साथ खत्म किया जाए। और इस बैठक में सबसे बड़ा निर्णय ये लिया गया कि बिना साइलेंसर वाले वाहनों को अनुमति नहीं दी जाएगी और उन्हें जब्त कर लिया जाएगा। अशोक कुमार ने कहा कि कांवड़ यात्रा को लेकर के सभी जरूरी तैयारी करली है, जिसमें सुरक्षा व्यवस्था पर खा ध्यान रखा गया है।
लाखो की संख्या में भक्तों की पहुंचने की संभावना…

‘कांवड़ यात्रा’ भगवान शिव के भक्तों की एक वार्षिक तीर्थयात्रा है। कांवरिया तीर्थयात्री गंगा नदी से पवित्र जल लाने के लिए उत्तराखंड में हरिद्वार, गौमुख और गंगोत्री और बिहार में सुल्तानगंज जैसे स्थानों पर जाते हैं और फिर उससे भगवान शिव की पूजा करते हैं। बता दें कि बड़ी संख्या में भक्त हरिद्वार में पवित्र जल लेने पहुंचेंगे।
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कांवड़ यात्रा के दौरान मांस मदिरा की दुकानें रहेंगी बंद…

पवित्र सावन माह की कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए जोरशोर से तैयारियां कर रहे हैं। प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद ने बताया कि इस बैठक में कांवड़ यात्रा के दौरान साफ सफाई की व्यवस्था, रूट डायवर्जन, चिकित्सा व्यवस्था आदि बिंदुओं पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान पूर्व की भांति यात्रा मार्ग में मांस मदिरा की दुकानें बंद रहेंगी। उन्होंने बताया कि कावंड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं, कावंड़ियों और दर्शनार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाये, यह सुनिश्चित करने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। घाटों, मार्गों और शिवालयों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने के साथ ही पीएस सिस्टम की भी व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के लिए कहा गया है।
पुलिस ने की स्टंटबाजी ना करने की अपील…

हरिद्वार SSP अजय सिंह ने बताया कि ‘2 कांवड़िए सागर और रोहन कांगड़ा पुल पर जल भरने के दौरान फिसल गए थे। गंगा के तेज बहाव में दोनों आगे बह गए। दोनों को वक्त रहते जल पुलिस ने बचा लिया है और दोनों सकुशल हैं। पुलिस की अपील है कि कावड़िए सावधानी पूर्वक जल लें और किसी भी प्रकार के स्टंट करने से बचे।
जानें क्या है कावंड़ यात्रा…

कांवड़ (एक बांस या डंडा जिसके दोनों छोर पर दो टोकरियां लटकी होती हैं)। ‘कांवड़ यात्रा’ भगवान शिव के भक्तों के लिए एक वार्षिक तीर्थयात्रा है। कांवरिया गंगा नदी का पवित्र जल लाने के लिए उत्तराखंड में हरिद्वार, गौमुख और गंगोत्री और बिहार के सुल्तानगंज जैसे स्थानों पर जाते हैं और फिर उस जल से भगवान की पूजा करते हैं।