Bihar Assembly Monsoon Session: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन एसआईआर (स्पेशल इंडिया रजिस्टर) के मुद्दे पर विपक्ष और सरकार आमने-सामने आ गए. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि, “नागरिकता तय करने का अधिकार भारत सरकार और गृह मंत्रालय का है, न कि चुनाव आयोग का।” उन्होंने कहा कि बिहार इस मामले में सबसे पीछे है और सरकार इस विषय को लेकर लोगों को गुमराह कर रही है.
Read More: Chandan Mishra Murder Case: STF की बड़ी सफलता, चंदन मिश्रा मर्डर केस के 4 आरोपी गिरफ्तार
तेजस्वी के बयान पर नीतीश कुमार की तीखी प्रतिक्रिया
बताते चले कि, तेजस्वी यादव के बयान पर सीएम नीतीश कुमार ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि, तेजस्वी को पहले अपने माता-पिता राबड़ी देवी और लालू प्रसाद के शासनकाल की स्थिति देखनी चाहिए. नीतीश चुनाव ने कहा, “तब तुम बच्चा थे, लेकिन तब की स्थिति क्या थी, यह सबको याद है.” उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुस्लिम समुदाय के लिए कई योजनाएं चलाई हैं और केंद्र सरकार भी इसमें सहयोग कर रही है.
महिलाओं को आरक्षण पर भी सामने आया योगदान का मुद्दा
मुख्यमंत्री ने तेजस्वी पर हमला तेज करते हुए महिलाओं को आरक्षण देने के विषय पर भी सवाल उठाए. नीतीश चुनार ने कहा, “पहले महिलाओं को कोई सुविधा दी गई थी क्या? हमने 2006 से महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू की. आज महिलाएं पंचायतों और सरकारी नौकरियों में आगे बढ़ रही हैं।” उन्होंने इसे अपनी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताया.
कानून-व्यवस्था पर भी साधा निशाना
नीतीश कुमार ने अपने कार्यकाल की तुलना लालू-राबड़ी सरकार से करते हुए कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि जब तेजस्वी छोटे थे, तब पटना में शाम होते ही लोग घर से बाहर निकलने में डरते थे. उन्होंने पत्रकारों की ओर इशारा करते हुए कहा, “आप लोग जनता को बताइए कि उस समय क्या स्थिति थी और आज क्या है। हमने राज्य में शांति और व्यवस्था कायम की है.”
विधानसभा सत्र में बदला सियासी रंग
बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र अब सियासी हमलों और तीखे जवाबों का अखाड़ा बनता जा रहा है. एसआईआर और नागरिकता के मुद्दे से शुरू हुई बहस अब जाति, महिला अधिकार, कानून-व्यवस्था और सरकार की उपलब्धियों तक पहुंच गई है. आने वाले दिनों में सत्र और भी गरम होने के आसार हैं, जहां सत्ता और विपक्ष के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल सकती है.