Bihar Politics: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्गीय मां के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर बिहार की राजनीति में उबाल आ गया है। इंडिया गठबंधन के बैनर तले कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा अपशब्द कहे जाने के बाद एनडीए घटक दलों, विशेषकर महिला मोर्चा ने इस मुद्दे पर तीखा विरोध जताया है। विरोधस्वरूप गुरुवार को बिहार बंद का आह्वान किया गया, जिसमें भारतीय जनता पार्टी, जनता दल यूनाइटेड समेत अन्य एनडीए दलों की महिलाओं ने सक्रिय भागीदारी की।
सड़क पर उतरीं महिलाएं, ठप हुआ यातायात
बिहार बंद के तहत राज्य भर में एनडीए की महिला कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आईं और मुख्य चौराहों पर यातायात को पूरी तरह जाम कर दिया। पटना के डाकबंगला चौराहे समेत कई जगहों पर महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने गाड़ियों को रोकते हुए जोरदार नारेबाजी की। “मां का अपमान नहीं सहेंगे” जैसे नारों के साथ आंदोलन कर रही महिलाओं की मांग थी कि जब तक कांग्रेस और राजद के शीर्ष नेता सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, तब तक विरोध जारी रहेगा।
दुकानों को भी कराया गया बंद, लोगों को हुई परेशानी
प्रदर्शन के दौरान एनडीए कार्यकर्ताओं ने सिर्फ यातायात ही नहीं रोका, बल्कि जो दुकानें खुली थीं, उन्हें भी बंद करवाया गया। कई इलाकों में दुकानदारों से कहा गया कि जब तक प्रधानमंत्री की मां का अपमान करने वालों को सजा नहीं मिलती, तब तक सामान्य व्यापार नहीं हो सकता। इससे आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा, खासकर उन लोगों को जो जरूरी सेवाओं के लिए बाहर निकले थे।
चिराग पासवान का हमला
लोजपा नेता चिराग पासवान ने इस घटनाक्रम की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राजद ने अपनी निम्नस्तरीय सोच और संस्कृति का परिचय दिया है। चिराग ने कहा, “यह न केवल एक प्रधानमंत्री का अपमान है, बल्कि पूरे देश की मातृभावना का अपमान है। अब तक किसी विपक्षी नेता ने इस शर्मनाक कृत्य के लिए न तो माफी मांगी है और न ही इस पर खेद जताया है।”चिराग पासवान ने यह भी कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने जिस प्रकार प्रधानमंत्री मोदी को अपमानजनक तरीके से संबोधित किया, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने इसे राजनीति की गिरती मर्यादाओं का उदाहरण बताया और कहा कि जनता ऐसे व्यवहार को कभी माफ नहीं करेगी।
मोदी की मां के अपमान को लेकर छिड़े विवाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के अपमान को लेकर छिड़े विवाद ने बिहार की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है। एनडीए की महिला इकाई ने जिस आक्रामकता से मोर्चा संभाला है, वह विपक्ष के लिए राजनीतिक दबाव बढ़ा सकता है। अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि कांग्रेस और राजद की ओर से कोई माफी या स्पष्टीकरण आता है या नहीं। तब तक एनडीए का आंदोलन जारी रहने की संभावना है।
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