Bihar Election Phase 1 Voting: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान गुरुवार, 6 नवंबर को संपन्न हो गया। सुबह 7 बजे से शुरू होकर शाम 6 बजे तक 64.46% मतदान हुआ, जो 2020 के विधानसभा चुनाव में हुए 56.9% मतदान से 7.50% ज्यादा है। इस पहले फेज में कुल 121 सीटों पर मतदान हुआ, और राज्य के 18 जिलों में 1314 उम्मीदवारों की किस्मत EVM में कैद हो गई।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद गुंजियाल ने जानकारी दी कि इस बार महिलाओं की मतदान में भागीदारी ज्यादा रही, जो एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में मतदान केंद्रों पर महिला वोटर्स का उत्साह देखने लायक था, वहीं शहरी क्षेत्रों में मतदान की प्रतिशत में गिरावट देखी गई।
शहरी क्षेत्रों में मतदान में गिरावट
राजधानी पटना के शहरी क्षेत्र कुम्हरार, दीघा, और बांकीपुर में मतदान प्रतिशत 40% से भी कम रहा। कुम्हरार में केवल 39.52%, दीघा में 39.10% और बांकीपुर में 40% मतदान हुआ। यह आंकड़े यह दिखाते हैं कि शहरी क्षेत्रों में मतदाताओं का उतना उत्साह नहीं था जितना ग्रामीण इलाकों में देखा गया।
अतिसंवेदनशील बूथों पर सुरक्षा कड़ी
पहले चरण के मतदान के दौरान, 56 अतिसंवेदनशील बूथों पर मतदान को लेकर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। इन बूथों पर मतदान शाम 5 बजे तक ही हुआ, ताकि किसी भी प्रकार की अशांति न हो। कुल मिलाकर, 400 से अधिक मतदान केंद्रों पर मतदान प्रक्रिया चल रही थी, और इन केंद्रों से अंतिम रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है।
किसकी किस्मत का हुआ फैसला?
पहले चरण के मतदान में 1314 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला EVM में कैद हो गया। इनमें से 104 सीटों पर सीधा मुकाबला था, जबकि 17 सीटों पर त्रिकोणीय लड़ाई देखी जा रही थी। ये आंकड़े यह दर्शाते हैं कि इस चरण में मुकाबला कड़ा था। बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों के चुनाव दो चरणों में हो रहे हैं, और दूसरे चरण का मतदान 7 नवंबर को होगा।
मुख्य नेता और मंत्री दांव पर
पहले चरण के मतदान में 18 मंत्रियों समेत दो डिप्टी सीएम की राजनीतिक साख दांव पर लगी थी। इसमें से कुछ बड़े नामों में तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव, सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, और अनंत सिंह जैसे नेता शामिल हैं। यह चुनाव बिहार के भविष्य को तय करने वाला साबित हो सकता है, क्योंकि इन नेताओं की जीत या हार न केवल उनकी राजनीतिक स्थिति को प्रभावित करेगी, बल्कि बिहार की राजनीतिक धारा को भी दिशा दे सकती है।
नतीजों पर नजर
पहले चरण का मतदान समाप्त होने के बाद अब सभी की नजर 14 नवंबर को होने वाले परिणामों पर होगी। 121 सीटों पर हुए मतदान के बाद सभी दलों के प्रचार और चुनावी रणनीतियां अगले दौर के लिए तैयार होंगी। विशेषकर विपक्षी पार्टी महागठबंधन और सत्तारूढ़ एनडीए के लिए यह चुनावी नतीजे अहम होंगे, क्योंकि ये परिणाम बिहार में आने वाले समय में राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं।
पहले चरण की 64.46% मतदान ने यह साबित कर दिया कि बिहार के लोग लोकतंत्र में अपनी भागीदारी को लेकर गंभीर हैं। जबकि शहरी क्षेत्रों में उत्साह की कमी देखी गई, ग्रामीण इलाकों में मतदान में जबरदस्त वृद्धि हुई है, जो आगामी चुनाव परिणामों के लिए महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है। महिला मतदाताओं की बढ़ी हुई भागीदारी भी इस बार के चुनाव की खास बात है। अब, चुनावी परिणामों का इंतजार किया जा रहा है, जो आगामी 14 नवंबर को घोषित होंगे।
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