Bihar Election 2025 News:विधानसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की आशा और ममता कार्यकर्ताओं को बड़ी सौगात दी है। मंगलवार को उन्होंने घोषणा की कि इन दोनों श्रेणियों के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के मानदेय में उल्लेखनीय वृद्धि की जा रही है। इस फैसले से एक ओर जहां इन कर्मियों का मनोबल बढ़ेगा, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाएं भी और सशक्त होंगी।
आशा कार्यकर्ताओं को अब मिलेगा तीन गुना प्रोत्साहन राशि

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जानकारी दी कि अब तक आशा कार्यकर्ताओं को हर महीने 1,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती थी, जिसे बढ़ाकर अब 3,000 रुपये कर दिया गया है। यह फैसला आशा कार्यकर्ताओं के ज़मीनी स्तर पर किए जा रहे समर्पित कार्यों को मान्यता देने के उद्देश्य से लिया गया है।सरकार के इस निर्णय से लगभग 80,000 से अधिक आशा कार्यकर्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा। ये कार्यकर्ता गांवों में गर्भवती महिलाओं की देखभाल, बच्चों के टीकाकरण, पोषण कार्यक्रमों और कोरोना जैसी महामारी में भी अहम भूमिका निभा चुकी हैं।
ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव अब मिलेंगे 600 रुपये

ममता कार्यकर्ताओं को भी सरकार ने बड़ी राहत दी है। पहले इन्हें प्रति प्रसव 300 रुपये की दर से भुगतान किया जाता था, जिसे अब बढ़ाकर 600 रुपये कर दिया गया है। इस बढ़ोत्तरी से उन्हें वित्तीय मजबूती मिलेगी और वे और अधिक उत्साह के साथ अपनी सेवाएं दे सकेंगी।ममता कार्यकर्ता खासतौर पर प्रसव के समय महिलाओं को अस्पताल ले जाने, देखभाल करने और उन्हें सही पोषण संबंधी जानकारी देने में अहम योगदान देती हैं। नीतीश सरकार के इस कदम से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में सुधार की उम्मीद है।
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सीएम ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी
नीतीश कुमार ने इस फैसले की जानकारी अपने आधिकारिक ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) हैंडल के माध्यम से दी। उन्होंने लिखा,”नवंबर 2005 में सरकार बनने के बाद से हमलोगों ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने में आशा तथा ममता कार्यकर्ताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”उन्होंने आगे लिखा कि इन कार्यकर्ताओं के अमूल्य योगदान को ध्यान में रखते हुए उनके मानदेय में वृद्धि की गई है, ताकि वे पहले से भी अधिक सक्रियता और आत्मविश्वास के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।
स्वास्थ्य ढांचे को मिलेगा और बल
राज्य सरकार के इस कदम को चुनाव से पहले एक अहम राजनीतिक और सामाजिक पहल के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय से ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था को और मजबूती मिलेगी, साथ ही आशा और ममता कार्यकर्ताओं की सामाजिक स्थिति में भी सुधार आएगा।

