Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन की पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा जोर पकड़ने लगी है। बीते दिन महागठबंधन की को-ऑर्डिनेशन कमेटी की अहम बैठक पटना में तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में हुई, जिसमें बिहार की 243 विधानसभा सीटों के बंटवारे पर विस्तार से मंथन किया गया। सूत्रों की मानें तो 15 सितंबर तक सीट शेयरिंग का फाइनल ऐलान हो सकता है।
कांग्रेस ने कम की सीटों की मांग, RJD नहीं मानी
महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर सबसे ज्यादा हलचल कांग्रेस और राजद के बीच देखने को मिल रही है। राजद के विश्वस्त सूत्रों ने न्यूज 24 को बताया कि कांग्रेस ने इस बार 66 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया है, जबकि पिछली बार कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था। कांग्रेस ने चार सीटें कम करने की इच्छा जताई है, लेकिन राजद इस फार्मूले को स्वीकार नहीं कर रही है।
RJD ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस को 50 से 55 सीटों के बीच ही संतोष करना होगा। कांग्रेस ने अभी तक 46 सीटों का दावा पक्का किया है, जबकि तेजस्वी यादव 46 से अधिक से अधिक 10 सीटें कांग्रेस को और देने को तैयार हैं। इसका मतलब है कि कांग्रेस को अधिकतम 56 सीटें मिल सकती हैं।
राजद का दावा और गठबंधन का संतुलन
राजद का तर्क है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 19 सीटें जीती थीं और 27 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी, इसलिए कांग्रेस का 46 सीटों पर दावा मजबूत है। इसके अलावा 10 सीटें और भी दी जा सकती हैं।
महागठबंधन में शामिल अन्य पार्टियों जैसे पशुपति कुमार पारस की पार्टी, मुकेश सहनी की VIP और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी) को भी सम्मानजनक संख्या में विधानसभा सीटें देने की योजना है। इसलिए बड़ी पार्टियों को कुछ सीटें अन्य सहयोगी दलों के लिए छोड़नी पड़ सकती हैं, जिससे कांग्रेस को सीटों में कटौती करनी पड़ सकती है।
तेजस्वी यादव की रणनीति
रिपब्लिकन जनतांत्रिक दल (RJD) प्रमुख तेजस्वी यादव ने साल 2020 की तरह इस बार भी 140 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। वहीं कांग्रेस ने इस बार 60 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बनाई है। लेकिन गठबंधन के भीतर अन्य छोटे दलों को सम्मानजनक हिस्सेदारी देने के कारण कांग्रेस को सीटों पर समझौता करना पड़ सकता है।
6 सितंबर को तेजस्वी यादव के पटना स्थित सरकारी आवास पर हुई इस बैठक में सीट शेयरिंग पर गहन चर्चा हुई और सभी पार्टियों ने अपने-अपने प्रस्ताव रखे। अब 15 सितंबर तक सीट शेयरिंग को लेकर एक संयुक्त घोषणा की संभावना जताई जा रही है।
बिहार चुनाव की बड़ी भूमिका
बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने में सीट शेयरिंग का मामला बेहद अहम है क्योंकि गठबंधन के भीतर सामंजस्य से ही सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन संभव है। महागठबंधन की यह कोशिश है कि पार्टी में मतभेदों को सुलझाकर बिहार की राजनीतिक स्थिति को मजबूत किया जाए और 2020 के चुनावों जैसा पुनरावृत्ति हो।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन की सीट शेयरिंग पर जारी बातचीत से यह स्पष्ट है कि गठबंधन में संतुलन बनाने की कवायद तेज हो गई है। कांग्रेस और राजद के बीच चल रही सीटों की संख्या को लेकर जंग जल्द ही खत्म हो सकती है, जिससे आगामी चुनाव में गठबंधन की रणनीति साफ़ हो जाएगी।
