Bihar Election 2025: HAM प्रमुख जीतन राम मांझी ने छह उम्मीदवारों के नाम किए घोषित, NDA में बनी एकजुटता

NDA में सीट बंटवारे के बाद HAM प्रमुख जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी के सभी छह उम्मीदवारों के नाम जारी किए। इमामगंज से दीपा कुमारी, टिकारी से अनिल कुमार मुख्य उम्मीदवार। मांझी ने PM मोदी के साथ अंतिम सांस तक रहने की बात कहकर NDA में एकजुटता का संदेश दिया।

Chandan Das
HAM

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में सीट बंटवारे के बाद अब घटक दल अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रहे हैं। मंगलवार को हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी के सभी छह उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है।

ये होंगे HAM पार्टी के उम्मीदवार:

HAM की ओर से जारी प्रेस नोट के अनुसार निम्नलिखित उम्मीदवार चुनाव मैदान में होंगे:

इमामगंज (गया) – दीपा कुमारी

टिकारी (गया) – अनिल कुमार

बराचट्टी (गया) – ज्योति कुमारी

अतरी (गया) – रोमित कुमार

सिकंदरा (जमुई) – प्रफुल्ल कुमार मांझी

कुटुंबा (औरंगाबाद) – ललन राम

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मांझी की नाराजगी और बयान से साफ हुआ समीकरण

हाल के दिनों में खबरें थीं कि जीतन राम मांझी एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर नाराज हैं, लेकिन रविवार को एनडीए नेताओं के साथ बैठक के बाद उन्होंने इन अटकलों को खारिज कर दिया। उन्होंने साफ किया, “मैं अंतिम सांस तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ हूं। NDA गठबंधन में पूरी मजबूती से चुनाव लड़ेंगे।”HAM को एनडीए के अंदर 6 विधानसभा सीटें मिली हैं। ये सभी सीटें मांझी के प्रभाव वाले क्षेत्रों से चुनी गई हैं, जिनमें से कई सीटों पर उनका पारंपरिक प्रभाव रहा है। इससे स्पष्ट है कि भाजपा, जदयू और अन्य सहयोगी दलों ने उन्हें सम्मानजनक हिस्सेदारी दी है।

सीटों का समीकरण और रणनीति

HAM को जिन छह सीटों पर लड़ने का मौका मिला है, वे दलित और पिछड़े वर्ग की बहुलता वाली सीटें हैं। जीतन राम मांझी खुद दलित नेतृत्व का एक मजबूत चेहरा माने जाते हैं और एनडीए को इस वर्ग में समर्थन मजबूत करने की उम्मीद है।विशेषज्ञों का मानना है कि मांझी की पार्टी अगर इन छह सीटों पर बेहतर प्रदर्शन करती है, तो NDA को समग्र रूप से लाभ मिल सकता है, खासकर मगध और दक्षिण बिहार के इलाकों में।

HAM प्रमुख जीतन राम मांझी ने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर यह साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी NDA के साथ मजबूती से खड़ी है। छह सीटों पर उम्मीदवारों का चयन जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि बिहार की सियासी जंग में मांझी का यह दांव कितना असर दिखाता है।

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