Bihar Election 2025: बिहार की राजनीति में शनिवार को राजद (RJD) मुख्यालय पर उस वक्त बड़ा ड्रामा देखने को मिला, जब पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता मदन शाह ने टिकट न मिलने पर जमकर हंगामा किया। नाराज शाह ने न केवल पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए, बल्कि पार्टी दफ्तर में अपने कपड़े फाड़ लिए और जमीन पर गिरकर फूट-फूटकर रोने लगे। मदन शाह ने कहा कि “लालू प्रसाद यादव मेरे गुरु हैं, उन्होंने 2020 में रांची बुलाकर मुझसे वादा किया था कि मुझे मधुबन विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया जाएगा।” लेकिन इस बार पार्टी ने टिकट संतोष कुशवाहा को दे दिया, जिससे नाराज होकर शाह ने राजद मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन किया।
‘तेजस्वी बहुत घमंडी हैं, जनता से नहीं मिलते’
मदन शाह ने तेजस्वी यादव और पार्टी के कुछ नेताओं पर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने कहा “वे (तेजस्वी) बहुत घमंडी हैं, लोगों से मिलते नहीं। टिकट बांटने का पूरा काम संजय यादव और संतोष यादव कर रहे हैं। मुझे टिकट नहीं दिया गया क्योंकि मैं सच्चाई बोलता हूं।”उन्होंने संतोष कुशवाहा को ‘भाजपा का एजेंट’ बताते हुए कहा कि टिकट योग्य कार्यकर्ताओं को नहीं, बल्कि बाहरी लोगों को दिया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि वे 1990 के दशक से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं और इस दौरान उन्होंने पार्टी के लिए अपनी जमीन तक बेच दी, लेकिन फिर भी उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया।
‘लालू जी ने कहा था मैं रणधीर सिंह को हरा सकता हूं’
मदन शाह ने लालू यादव के साथ हुई पुरानी बातचीत को याद करते हुए कहा “लालू जी ने कहा था कि तेली समाज की जनसंख्या के हिसाब से मैं रणधीर सिंह को हरा सकता हूं। लेकिन अब वही पार्टी मुझे भूल गई। मैं यहां मरने आया हूं, क्योंकि पार्टी ने मुझे धोखा दिया है।” उनके इस बयान और भावनात्मक प्रदर्शन से मुख्यालय में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। मौके पर मौजूद कार्यकर्ता और सुरक्षाकर्मी किसी तरह उन्हें शांत करने की कोशिश करते रहे।
राजद मुख्यालय में मचा हंगामा, प्रशासन अलर्ट
घटना के दौरान राजद मुख्यालय में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे। मदन शाह ने जैसे ही कपड़े फाड़े और जोर-जोर से रोने लगे, वहां मौजूद भीड़ हैरान रह गई। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें किसी तरह संभाला और मुख्यालय से बाहर निकाला। पार्टी सूत्रों के अनुसार, टिकट वितरण को लेकर आंतरिक असंतोष की कुछ आवाजें पहले से थीं, लेकिन मदन शाह का यह प्रदर्शन अब उस नाराजगी को सार्वजनिक रूप से उजागर करता है।
राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राजद में इस तरह का विरोध पार्टी नेतृत्व के लिए चुनौती है, खासकर तब जब विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। मदन शाह जैसे पुराने कार्यकर्ताओं की नाराजगी यह दर्शाती है कि टिकट वितरण प्रक्रिया को लेकर पार्टी के अंदर असंतोष गहराता जा रहा है। राजद मुख्यालय में हुआ यह हाईवोल्टेज ड्रामा न केवल पार्टी की अंदरूनी कलह को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि टिकट वितरण को लेकर नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच नाराजगी बढ़ रही है। मदन शाह का यह भावनात्मक प्रदर्शन बिहार की चुनावी राजनीति में चर्चा का नया विषय बन गया है।
