Bihar Election 2025:बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक तापमान भी तेज होता जा रहा है। ऐसे ही माहौल में 30 अगस्त को जहानाबाद जिले के घोसी विधानसभा क्षेत्र के लखावर हाई स्कूल स्टेडियम में आयोजित एक सभा में तेज प्रताप यादव का बदला हुआ तेवर देखने को मिला। यह जन संवाद यात्रा आरजेडी की पूर्व रणनीति का हिस्सा थी, जिसमें तेज प्रताप यादव ने जनता से सीधे संवाद करते हुए कई तीखे बयान दिए।
तेजस्वी यादव के समर्थन में नारेबाजी से भड़के तेज प्रताप
सभा के दौरान माहौल उस समय गर्म हो गया, जब भीड़ में से एक युवक ने नारा लगाया – “अबकी बार तेजस्वी सरकार”। यह नारा सुनते ही तेज प्रताप भड़क उठे और मंच से उस युवक को लताड़ते हुए बोले –”तुम फालतू बात मत करो, तुम आरएसएस का है क्या? अभी पुलिस पकड़ ले जाएगी।”तेज प्रताप ने आगे कहा कि सरकार जनता बनाती है, किसी एक व्यक्ति की नहीं होती। उन्होंने कहा कि जो घमंड करता है, वह जल्दी गिरता है। नौटंकी करने वालों को रोजगार नहीं मिलेगा।
टीम को तोड़ने की साजिश का लगाया आरोप
तेज प्रताप यादव ने अपने भाषण में यह भी आरोप लगाया कि आरएसएस और कुछ अन्य संगठन उनकी टीम को तोड़ने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग बहरूपिया बनकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं। जनता से उन्होंने अपील की कि वे इन साजिशों से सावधान रहें और किसी के बहकावे में न आएं।उन्होंने तल्ख लहजे में कहा “जो अपना किसी का नहीं हुआ, वो जनता का क्या होगा।”
धार्मिक संदर्भों के जरिए जनता को समझाने की कोशिश
अपने भाषण के दौरान तेज प्रताप यादव ने धार्मिक उदाहरणों का सहारा भी लिया। उन्होंने कहा –
“जैसे भगवान राम को वनवास मिला, वैसे ही हमें भी संघर्ष का मार्ग अपनाना होगा। अगर आप रामायण और गीता पढ़ते हैं तो समझ पाएंगे कि कर्म ही सबसे बड़ा धर्म है।”उन्होंने श्रीकृष्ण के उपदेश को याद दिलाते हुए कहा –”भगवान श्रीकृष्ण ने भी कहा है कि कर्म करो, फल की चिंता मत करो।”तेज प्रताप ने यह भी स्पष्ट किया कि वे जनता से दूर बैठने वाले नेता नहीं हैं, बल्कि लगातार लोगों के बीच जाकर अपनी बात रखने वाले हैं।
मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षा से किया इंकार
अपने भाषण के अंत में तेज प्रताप यादव ने यह साफ कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने की कोई लालसा नहीं है। उन्होंने कहा –
“मेरा मकसद सिर्फ जनता की सेवा करना है, न कि किसी कुर्सी के पीछे भागना।”
उनका इशारा साफ था कि वे लालू परिवार की आंतरिक राजनीति से ऊपर उठकर जनता के साथ खड़े रहना चाहते हैं।
