Bihar Election 2025: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर महागठबंधन के भीतर की असहमति और गहरे मतभेद अब खुलकर सामने आ रहे हैं। सीटों के बंटवारे को लेकर पिछले कुछ दिनों से चल रही बैठकों के बाद भी किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाने से महागठबंधन की एकता पर सवाल खड़े हो गए हैं। इसके परिणामस्वरूप, 11 सीटों पर महागठबंधन के अंदर ही सीधा मुकाबला होगा। यही नहीं, विपक्षी दलों के बीच यह लड़ाई एनडीए (NDA) के लिए एक बड़ा अवसर साबित हो सकती है।
महागठबंधन में 11 सीटों पर होगा ‘महामुकाबला’
राजद (RJD) और कांग्रेस के बीच 6 सीटों पर सीधा मुकाबला होने जा रहा है, जिसमें प्रमुख सीटें वैशाली, सिकंदरा, कहलगांव, सुल्तानगंज, नरकटियागंज और वर्सालिगंज शामिल हैं। वहीं, सीपीआई (CPI) और कांग्रेस के बीच 4 सीटों पर टकराव होगा। इसके अलावा, विकासशील इंसान पार्टी (VIP) और आरजेडी के बीच चैनपुर सीट पर भी मुकाबला है। यह स्थिति विपक्षी दलों में समन्वय की कमी और अंदरूनी मतभेद को उजागर कर रही है।
आरजेडी की उम्मीदवारों की लिस्ट पर उठे सवाल
सोमवार को आरजेडी ने अपने 143 उम्मीदवारों की सूची जारी की, जिसमें वह 6 सीटें भी शामिल हैं जहां कांग्रेस ने पहले ही अपने उम्मीदवार घोषित किए थे। बीजेपी प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने महागठबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि इस सूची से स्पष्ट हो गया है कि राजद ने अपने कार्यकर्ताओं की अनदेखी करते हुए उम्मीदवारों को नामांकित किया है। हुसैन ने आरोप लगाया कि महागठबंधन ‘महाफूट’ का शिकार हो चुका है और अब यह गठबंधन किसी तरह की एकजुटता का उदाहरण नहीं बन पा रहा है।
चिराग पासवान ने महागठबंधन पर किया तंज
लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी महागठबंधन पर सवाल उठाया और कहा, “मैंने कभी ऐसा चुनाव नहीं देखा जिसमें इतना बड़ा गठबंधन टूटने के कगार पर हो।” उन्होंने महागठबंधन के भीतर चल रही असहमति को लेकर तंज कसते हुए कहा कि सीटों के बंटवारे पर असहमति होना एक बात है, लेकिन यहां तो सीटों की संख्या पर ही सहमति नहीं बन पा रही है। चिराग ने यह भी कहा कि विपक्ष के भीतर चल रही “दोस्ताना लड़ाई” एनडीए के लिए एक वॉकओवर साबित हो रही है। उनके अनुसार, जब आप एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतार रहे हैं तो यह दोस्ताना मुकाबला नहीं हो सकता।
महुआ सीट पर पारिवारिक विवाद का असर
बिहार की सियासत में एक और दिलचस्प मुकाबला महुआ सीट पर देखने को मिलेगा, जहां आरजेडी ने मुकेश रौशन को उम्मीदवार बनाया है। मुकेश रौशन लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरेंगे। तेज प्रताप यादव को इस साल आरजेडी से निष्कासित कर दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल बनाई। यह पारिवारिक विवाद अब बिहार की सियासत में नया मोड़ ला रहा है, और इस मुकाबले के परिणाम पर भी सबकी निगाहें होंगी।
विपक्ष की एकता पर खतरा
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महागठबंधन के अंदर चल रहे इन आंतरिक मतभेदों और विवादों से विपक्षी वोटों का बंटवारा हो सकता है, जिससे भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को कई सीटों पर फायदा हो सकता है। सीटों के बंटवारे पर यह असहमति न केवल गठबंधन की एकता को चुनौती दे रही है, बल्कि बिहार की राजनीति में यह बदलाव की नई आहट भी हो सकती है।
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के भीतर चल रही सीटों के बंटवारे की लड़ाई और आंतरिक मतभेदों ने विपक्ष की एकता को संदेह के घेरे में डाल दिया है। चिराग पासवान और भाजपा की ओर से लगातार किए जा रहे तंज महागठबंधन के लिए एक नई राजनीतिक चुनौती बन सकते हैं। अब देखना यह है कि महागठबंधन अपनी स्थिति को संभाल पाता है या यह छिन्न-भिन्न स्थिति एनडीए के लिए लाभकारी साबित होती है।
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