Bihar Election 2025: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गतिविधियां तेज हो गई है. सूबे की सियासत में वोटर लिस्ट संशोधन को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में पूर्णिया सांसद राजेश रंजन यानि पप्पू यादव ने चुनाव आयोग के इस अभियान पर सवाल उठाया है. साथ ही इंड़ी गठबंधन से नाता तोड़ने का ऐलान कर चुके आप संयोजक अरविंद केजरीवाल पर भी सवाल उठाया है.
चुनाव आयोग को लेकर क्या कहा ?
बताते चले कि, मीडिया से बात करते हुए सांसद पप्पू यादव ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि, चुनाव आयोग आरएसएस का कार्यालय बन चुका है और इसे रोकना चाहिए. पप्पू यादव ने स्पष्ट किया कि जो भी संवैधानिक दायित्व के लिए खतरा बनेगा, जनता उसे स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को लेकर कांग्रेस प्रभारी से भी बातचीत हुई है और अब निर्णायक कदम उठाए जाएंगे.
पप्पू यादव ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना
चुनाव आयोग से मुलाकात नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, “चुनाव आयोग अलाद्दीन का चिराग तो नहीं है.” उन्होंने आगे कहा कि यह मामला आर-पार की लड़ाई का है और बिहार की अस्मिता के लिए जान भी देनी पड़े तो देंगे. उनका यह बयान चुनाव आयोग के खिलाफ बढ़ते गुस्से को दर्शाता है.
अरविंद केजरीवाल के बिहार चुनाव लड़ने पर प्रतिक्रिया
इसी कड़ी में आगे पप्पू यादव ने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के बिहार में अकेले चुनाव लड़ने के फैसले पर कहा कि, चुनाव लड़ना हर किसा का अधिकार है. उन्होंने केजरीवाल को खुलाकर बिहार में आकर चुनाव लड़ने का निमंत्रण दिया. वहीं, उन्होंने केजरीवाल पर कहा कि ‘रस्सी जल गई पर ऐंठन नहीं गई’, जो राजनीतिक बयान के तौर पर खूब चर्चा में रहा.
विपक्ष ने की पप्पू यादव के बयान की आलोचना
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, बिहार में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले है जिसको लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है.इस बीच पक्ष-विपक्ष के बीच जुबानी जंग जारी है. विपक्षी पार्टियों ने पप्पू यादव के बयानों की कड़ी आलोचना की है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस कदम को ‘लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश’ बताया है.
मतदाता सूची को लेकर पीएम मोदी बोला हमला
पप्पू यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा कि पीएम मोदी ने बिहार की मतदाता सूची को पूरी तरह से निरस्त कर दिया है और 1987 से पहले के कागजी सबूतों के आधार पर सिर्फ 25 दिनों में नई सूची बनाने का निर्देश दिया है. उन्होंने इसे चुनावी हार की बौखलाहट और बिहार व बिहारियों के मतदान अधिकार से खिलवाड़ बताया.
कांग्रेस नेता की प्रतिक्रिया और सवाल
कांग्रेस नेता व राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने भी इस विवाद पर सवाल उठाए है. उन्होंने पूछा कि क्या 2003 के बाद हुए चार-पांच चुनाव सब गलत, अपूर्ण या अविश्वसनीय थे? उनका यह सवाल चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करता है और इस पूरे मामले को गंभीर राजनीतिक विवाद में बदल देता है।

