Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल गर्म है और सियासी गलियारों में हलचल तेज़ हो गई है। चुनाव प्रचार के दौरान नेता और कार्यकर्ता जोश में कई बार नियमों की अनदेखी कर बैठते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जनशक्ति जनता दल (JJD) के अध्यक्ष और राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के खिलाफ, जिन पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ है।
पुलिस वाहन से प्रचार का आरोप
तेज प्रताप यादव पर आरोप है कि उन्होंने पुलिस वाहन और प्रतीकों का इस्तेमाल करते हुए चुनाव प्रचार किया। वायरल हुए एक वीडियो में तेज प्रताप के समर्थक एक बोलेरो गाड़ी में नजर आ रहे हैं, जिस पर हूटर और पुलिस का स्टीकर लगा हुआ था। दावा किया जा रहा है कि यह वाहन चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किया गया, जो कि आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है।
एफआईआर दर्ज, जांच जारी
इस मामले में वैशाली जिले के महुआ अंचल अधिकारी की शिकायत पर महुआ थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने तेज प्रताप यादव के खिलाफ BNS की धारा 319(2)/223/176 के तहत मामला दर्ज किया है।वैशाली एसपी ललित मोहन शर्मा ने कहा, “चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता का पालन सर्वोपरि है। हम लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं और किसी भी उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। तेज प्रताप यादव के मामले में भी गहन जांच जारी है।”
वायरल वीडियो बना सबूत
घटना के पीछे की वजह उस वायरल वीडियो को बताया जा रहा है जिसमें तेज प्रताप यादव के समर्थक कथित रूप से पुलिस वाहन जैसी दिखने वाली बोलेरो गाड़ी से प्रचार करते नजर आए। वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैला, जिसके बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत कार्रवाई की।
विपक्ष का हमला, समर्थकों की सफाई
इस मामले के सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने तेज प्रताप यादव पर जमकर हमला बोला है। बीजेपी और जेडीयू नेताओं ने इसे “प्रशासनिक दबाव बनाने की कोशिश” और “लोकतंत्र का मजाक” बताया है।वहीं, तेज प्रताप यादव के करीबी समर्थकों का कहना है कि यह एक राजनीतिक साजिश है और वायरल वीडियो में दिखाई गई गाड़ी पार्टी की निजी गाड़ी थी, जो संयोगवश पुलिस जैसी दिख रही थी। वे इसे मुद्दा बनाकर प्रचार रोकने की कोशिश बता रहे हैं।
बिहार चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ़ रही है। मगर इस तरह के घटनाक्रम चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करते हैं। तेज प्रताप यादव पर मामला दर्ज होना न केवल उनके चुनाव प्रचार पर असर डाल सकता है, बल्कि यह चुनाव आयोग की सख्ती का भी संकेत है कि इस बार आचार संहिता के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

