Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट से युवा लोक गायिका मैथिली ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है, लेकिन इस फैसले ने पार्टी के अंदर बड़ी खलबली मचा दी है। स्थानीय BJP नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मैथिली ठाकुर के नामांकन का जोरदार विरोध किया है और पार्टी के ही स्थानीय नेता संजय उर्फ पप्पू सिंह के समर्थन में मोर्चा खोल दिया है।
सातों मंडल अध्यक्षों का विरोध
मैथिली ठाकुर के टिकट पर असंतोष इतना गहरा है कि अलीनगर के सातों मंडल अध्यक्षों ने एकजुट होकर उनका विरोध किया है। इन मंडल अध्यक्षों में तारडीह पूर्वी के पुरुषोत्तम झा, घनश्यामपुर पूर्वी के सुधीर सिंह, अलीनगर पूर्वी के लाल मुखिया जैसे वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हैं। सभी ने स्थानीय कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और बाहरी उम्मीदवार को टिकट दिए जाने पर नाराजगी जताई है।
मंडल अध्यक्षों का कहना है कि अलीनगर में वर्षों से मेहनत करने वाले स्थानीय कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर मधुबनी की रहने वाली मैथिली ठाकुर को टिकट देना अनुचित है। उनका आरोप है कि जो लोग पंचायत स्तर से लेकर बूथ स्तर तक पार्टी की सेवा करते रहे, उन्हें नजरअंदाज किया गया है।
BJP आलाकमान को खुली चुनौती
स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के राज्य और राष्ट्रीय नेतृत्व को चुनौती दी है। उनका कहना है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे पंचायत स्तर के सभी कार्यकर्ता, बूथ अध्यक्ष और सातों मंडल अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देंगे।पार्टी कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारे लगाए, “अगर कोई एनडीए को अलीनगर से जिताकर दिखाए तो हम राजनीति छोड़ देंगे।” वहीं, ‘पप्पू भइया’ के समर्थन में भी जोरदार समर्थन जुटा है। स्थानीय नेता संजय सिंह को ही टिकट दिए जाने की मांग जोर पकड़ रही है।
कौन हैं मैथिली ठाकुर?
मैथिली ठाकुर, जो 25 वर्ष की हैं, बिहार के मधुबनी जिले की रहने वाली लोक गायिका हैं। उन्होंने पारंपरिक भोजपुरी और मैथिली लोक गीतों से अपनी एक अलग पहचान बनाई है। हाल ही में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी और तुरंत ही उन्हें अलीनगर विधानसभा सीट से पार्टी का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। उनका युवा और लोकप्रिय चेहरा पार्टी के लिए नई ऊर्जा लेकर आ सकता है, लेकिन स्थानीय नेताओं का विरोध इसे चुनौतीपूर्ण बना रहा है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और आगामी चुनौतियां
मैथिली ठाकुर का टिकट कटने से पार्टी में गहरा विवाद पैदा हो गया है। स्थानीय संगठन और कार्यकर्ता इसे पार्टी की जड़ों की उपेक्षा मान रहे हैं। अलीनगर सीट पर यह मुकाबला अब केवल दो उम्मीदवारों के बीच नहीं, बल्कि बीजेपी आलाकमान और स्थानीय कार्यकर्ताओं के बीच संघर्ष का रूप ले चुका है।विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बीजेपी आलाकमान इस विरोध को अनदेखा करता है, तो यह सीट पार्टी के लिए खतरे में पड़ सकती है। अलीनगर में कांग्रेस और राजद समेत अन्य दल भी अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे मुकाबला और भी कड़ा हो सकता है।
बिहार चुनाव 2025 में अलीनगर विधानसभा सीट पर मैथिली ठाकुर को टिकट दिए जाने के बाद BJP में जो अंदरूनी कलह मची है, वह पार्टी की चुनावी तैयारियों को प्रभावित कर सकती है। स्थानीय नेताओं का विरोध और आलाकमान को दी गई चुनौती से यह स्पष्ट है कि इस सीट पर संगठन को एकजुट करना BJP के लिए बड़ी चुनौती होगी। आने वाले हफ्तों में यह देखने वाली बात होगी कि पार्टी नेतृत्व इस विवाद का हल कैसे निकालता है।
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