Bihar Election 2025: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन सभी राजनीतिक दलों ने अभी से ही अपनी कमर कस ली है. राज्य में मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम जोरों पर है. पटना जिलें में पिछले 12 दिनों में लगभग 6 लाख से अधिक मतदाताओं के गणना प्रपत्र भरे जा चुके है. हालाकिं, जिले में कुल 50 लाख 31 हजार 964 मतदाता है. जिनमें से करीब 44 लाख प्रपत्र अभी भी जमा होना बाकी है. चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित अंतिम तिथि के अनुसार केवल 19 दिन शेष है, जिससे यह अभियान चुनौतीपूर्ण बन गया है।
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44 लाख से अधिक मतदाताओं के प्रपत्र जमा करना चुनौतीपूर्ण
बताते चले कि, पटना जिले के मतदाताओं की संख्या अत्यंत अधिक होने के कारण 44 लाख से अधिक प्रपत्र जमा करना एक बड़ी चुनौती है. प्रशासन का दावा है कि जिन मतदाताओं की अनुपस्थिति है, उनके परिजनों से संपर्क कर ऑनलाइन आवेदन करने के लिए कहा गया है. अधिकारियों ने बताया कि आयोग के निर्देशानुसार 26 जुलाई तक ही गणना प्रपत्र ऑनलाइन या ऑफलाइन जमा किए जा सकेंगे, जिसके बाद मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशित होगा और आपत्ति पत्र लिए जाएंगे.
ग्रामीण क्षेत्र में प्रपत्र भरने की संख्या शहरी इलाकों से अधिक
अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में बीएलओ, जीविका दीदी, विकास मित्र और सहायिका-सेविका सक्रिय रूप से प्रपत्र भरने में जुटी हुई हैं, जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्र में प्रपत्र भरने वालों की संख्या शहरी इलाकों की तुलना में अधिक है. वहीं, शहरी क्षेत्रों के कई बूथों पर प्रतिदिन सौ से कम आवेदन भरे जा रहे हैं, जो चिंता का विषय है.
कर्मचारी लापरवाही पर कार्रवाई, 10 निलंबित
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, मतदाता पुनरीक्षण अभियान में कर्मचारियों की लापरवाही को लेकर अब तक 10 कर्मचारियों को निलंबित किया गया है और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की गई है. अधिकारियों ने बताया कि इस कार्य की समीक्षा लगातार की जा रही है और इसे काफी चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है।
आगामी कार्ययोजना और मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन
अधिकारियों ने कहा कि 26 जुलाई तक सभी प्रपत्र जमा कराए जाएंगे और उसके बाद मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशित होगा। इसके बाद आपत्ति पत्र लिए जाएंगे और समापन में मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया जाएगा. यह प्रक्रिया मतदान की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बेहद आवश्यक है।
पटना जिले में चल रहे मतदाता पुनरीक्षण अभियान में समय की कमी और विशाल मतदाता संख्या के चलते प्रशासन को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण इलाकों में अच्छी गति से काम हो रहा है, लेकिन शहरी क्षेत्रों में अभी सुधार की जरूरत है। प्रशासन ने लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है ताकि अभियान सही ढंग से पूरा हो सके। आगामी दिनों में यह देखना होगा कि चुनाव आयोग की निर्धारित समय सीमा के भीतर अभियान पूरी तरह सफल होता है या नहीं।