Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इसके साथ ही आज यानी मंगलवार को चुनाव प्रचार-प्रसार पर रोक लगा दी गई है। आज शाम से चुनाव प्रचार थम जाएगा और इसके बाद प्रत्याशियों के पास मतदाताओं तक पहुंचने के लिए केवल 24 घंटे बचे रहेंगे। इस समय का उपयोग स्थानीय समर्थकों के माध्यम से घर-घर जाकर वोटिंग की अपील करने में किया जाएगा। पहले चरण में प्रमुख राजनीतिक दल, जैसे एनडीए और महागठबंधन, अपने नेताओं के माध्यम से विभिन्न जिलों में जनसभाओं का आयोजन करेंगे और जनता से अपने पक्ष में वोट देने का अनुरोध करेंगे।
Read more: Gold Rate Today: दाम में बढ़ोतरी का सिलसिला तेज या धीमी? जानें 4 नवंबर 2025 का लेटेस्ट रेट…
पहले चरण में कितनी सीटें और जिले शामिल
पहले चरण में कुल 18 जिले की 121 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इनमें 102 सामान्य और 19 अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित सीटें शामिल हैं। इस चरण के लिए तैयार मतदाता सूची में कुल 3,75,13,302 मतदाता शामिल हैं। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,98,35,325 और महिला मतदाताओं की संख्या 1,76,77,219 है। थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 758 दर्ज की गई है।
उम्मीदवारों की संख्या
पहले चरण में कुल 1,314 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जिनमें 122 महिला और 1,192 पुरुष उम्मीदवार शामिल हैं। वोटिंग के लिए राज्यभर में कुल 45,341 मतदान बूथ स्थापित किए गए हैं। इनमें से 45,324 मुख्य बूथ हैं और 17 सहायक बूथ हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 36,733 और शहरी क्षेत्रों में 8,608 बूथ स्थापित किए गए हैं। चुनाव सुरक्षा और सुविधा के दृष्टिगत 926 बूथों का संचालन महिलाओं द्वारा किया जाएगा, वहीं 107 बूथ दिव्यांग मतदाताओं द्वारा संचालित होंगे। इसके अतिरिक्त 320 मॉडल बूथ भी बनाए गए हैं।
मतदान की तैयारी और सुरक्षा
चुनाव आयोग ने पहले चरण को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए 121 सामान्य पर्यवेक्षक, 18 पुलिस पर्यवेक्षक और 33 व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। मतदान की प्रक्रिया ईवीएम के माध्यम से होगी और प्रत्येक उम्मीदवार का भाग्य 6 नवंबर को तय होगा।
Read more: Bihar Election : तेजस्वी के गढ़ राघोपुर में तेज प्रताप की जनसभा, RJD पर लगाए ‘जयचंद’ के आरोप
दूसरे चरण की तैयारी
पहले चरण के मतदान के बाद दूसरा चरण 11 नवंबर को संपन्न होगा। चुनाव आयोग ने पहले चरण में सभी जरूरी व्यवस्थाएं पूरी कर ली हैं ताकि 121 सीटों पर मतदान निर्बाध रूप से हो सके। मतदान केंद्रों की संख्या, सुरक्षा प्रबंध और पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के साथ यह सुनिश्चित किया गया है कि चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष रहे।

