Bihar Election: बिहार में इस साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. चुनावी माहौल में अब नेताओं का एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाना आम हो गया है. इसी क्रम में रविवार को दो बड़े राजनीतिक दलों कांग्रेस और भाजपा को जोरदार झटका लगा है.
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक राम ने छोड़ी पार्टी
बताते चले कि, कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री अशोक राम ने पार्टी से इस्तीफा देकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की सदस्यता ग्रहण कर ली है. जदयू कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ली और कांग्रेस को लेकर तीखा बयान भी दिया.
6 बार विधायक और पूर्व मंत्री रह चुके हैं अशोक राम
अशोक राम कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में गिने जाते रहे हैं। वे अब तक 6 बार विधायक रह चुके हैं. इसके अलावा वे बिहार प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष, कांग्रेस विधायक दल के नेता और बिहार सरकार में मंत्री के पद पर भी रह चुके हैं. उनका पार्टी छोड़ना कांग्रेस के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है.
अशोक राम का बड़ा बयान
जदयू की सदस्यता लेने के बाद अशोक राम ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि “कांग्रेस को अब मेरी जरूरत नहीं है. पार्टी अब नेहरू-राजीव के जमाने जैसी नहीं रही. लालू प्रसाद यादव ने कांग्रेस को खत्म करने की मंशा में सफलता हासिल कर ली है।” उन्होंने यह भी कहा कि वे अब जदयू के साथ मिलकर बिहार के विकास में भूमिका निभाना चाहते हैं.
बीजेपी अति पिछड़ा मोर्चा के प्रवक्ता ने थामा राजद का हाथ
कांग्रेस के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को भी झटका लगा है। अति पिछड़ा मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश प्रसाद चौरसिया ने राजद का दामन थाम लिया है। वे अपने समर्थकों के साथ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में शामिल हुए।
राजद प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, महासचिव फैयाज आलम और संजय यादव की मौजूदगी में सुरेश चौरसिया को पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। इस दौरान राजद उपाध्यक्ष डॉ. तनवीर हसन ने उन्हें लालू प्रसाद यादव की जीवनी ‘गोपालगंज से रायसीना’ नामक पुस्तक भेंट कर उनका सम्मान भी किया.
चुनाव से पहले तेज हो रहा दल-बदल का खेल
बिहार में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं. दल-बदल का सिलसिला जारी है और प्रमुख दलों को लगातार झटके लग रहे हैं। अब देखना होगा कि यह घटनाक्रम आने वाले चुनाव में किस दल को फायदा पहुंचाता है.