Bihar: बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्ष की करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को दिल्ली में एक समीक्षा बैठक की जिसमें कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के अलावा बिहार कांग्रेस नेताओं के साथ ही विधानसभा चुनाव में विपक्ष के रहे कई उम्मीदवार भी शामिल हुए।राज्य की 243 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में नतीजे इस बार चौंकाने वाले रहे जहां एनडीए को पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का जनता ने मौका दिया इससे विपक्ष में खलबली मच गई जिसके बाद अब विपक्ष अपनी करारी हार की समीक्षा करने में जुटा है।
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बिहार चुनाव में हार की समीक्षा में जुटी कांग्रेस
आपको बता दें कि,बिहार चुनाव के लिए विपक्ष ने बड़ी जोर शोर से तैयारी की थी जहां राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने मिलकर चुनाव से पहले वोटर अधिकार यात्रा के जरिए चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाया जिसमें विपक्ष ने केंद्र सरकार को भी अपने निशाने पर लिया था लेकिन जब चुनाव के नतीजे आये तो राहुल-तेजस्वी की यह यात्रा भी पूरी तरह से विफल नजर आई।चुनाव से पहले बिहार में चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट के संशोधन के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान चलाया।चुनाव आयोग के इस कदम से वोटर्स लिस्ट में कई मतदाताओं के नाम कटे जिसके बाद विपक्ष ने आरोप लगाया कि,चुनाव आयोग का मकसद उनके वोटर्स को काटना था।
विपक्षी उम्मीदवारों ने किए चौंकाने वाले दावे
हालांकि अब जब कांग्रेस पार्टी अपनी करारी हार की समीक्षा कर रही है तो उसमें उनके ही क्षेत्रीय नेताओं और चुनाव में रहे उम्मीदवारों ने चौंकाने वाला दावा किया है जिसमें साफ तौर पर उन्होंने कहा कि,बिहार की जनता के साथ जो मुद्दा प्रमुखता से उठाए जाने चाहिए थे पार्टी ने उन पर ध्यान देने के बजाए एसआईआर और वोट चोरी के मुद्दे पर ध्यान लगाए रही जबकि बिहार में जनता से जुड़े मुद्दे (बिजली,पानी,शिक्षा,सड़क,सुरक्षा और पलायन) से कट गई।
समीक्षा बैठक में शामिल हुए संगठन महासचिव
कांग्रेस की समीक्षा बैठक के बाद पार्टी महासचिव (संगठन) के.सी.वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए जानकारी दी है जिसमें उन्होंने कहा कि,आज हमारे उम्मीदवारों और बिहार के नेताओं के साथ कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की मौजूदगी में हुई 4 घंटे की बैठक में एक बात सामने आई…..बिहार चुनाव असली जनमत नहीं था,बल्कि पूरी तरह से मैनेज किया गया और मनमुताबिक बनाया गया नतीजा था।बिहार के हमारे नेताओं ने बताया कि, कैसे एसआईआर के जरिए चुनिंदा वोटरों के नाम काटे गए और संदिग्ध नाम जोड़े गए।कैसे कथित MMRY योजना के नाम पर खुलेआम पैसे बांटकर वोटरों को प्रभावित किया गया वह भी कई जगह मतदान केंद्रों पर साथ ही कई सीटों पर एक जैसे अंतर से आए नतीजों से यह पैटर्न दिखा दिया कि,कोई भी स्वतंत्र चुनाव आयोग इसे नजरअंदाज नहीं कर सकता था।
