Bihar Election: जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly elections) के लिए अपनी दूसरी और अंतिम सूची जारी कर दी है। इस सूची में पार्टी ने 44 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है। इससे पहले, जेडीयू ने पहली सूची में 57 उम्मीदवारों की घोषणा की थी, जिसमें एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं मिला था। लेकिन दूसरी सूची में पार्टी ने चार मुस्लिम चेहरों को मौका दिया है।
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इन मुस्लिम चेहरों को मिला मौका
बताते चले कि दूसरी सूची में जेडीयू (JDU) ने शगुफ्ता अजीम को अररिया सीट से, मंजर आलम को जोकीहाट से, सबा जफर को अमौर से और जमा खान को चैनपुर सीट से उम्मीदवार बनाया है। पार्टी के इस निर्णय को मुस्लिम समुदाय को साधने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, खासकर तब जब पहली सूची को लेकर मुस्लिम समुदाय में नाराजगी की खबरें आ रही थी।
बिहार विधानसभा चुनाव-2025 के लिए जनता दल (यूनाइटेड) की दूसरी सूची जारी।
सभी प्रत्याशियों को ढेरों बधाई व शुभकामनाएं।#Bihar #JDU #JanataDalUnited#BiharElections pic.twitter.com/c6XUriMFqV
— Janata Dal (United) (@Jduonline) October 16, 2025
2020 में जेडीयू के सभी मुस्लिम उम्मीदवार हार गए थे
गौरतलब है कि साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने 11 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, लेकिन एक भी मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत पाया था। दिलचस्प बात यह है कि इस बार चैनपुर से जेडीयू के उम्मीदवार जमा खान 2020 में बीएसपी के टिकट पर विधायक बने थे और बाद में जेडीयू में शामिल होकर मंत्री बने।
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चुनाव की तारीखें और NDA की रणनीति
बिहार में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को और दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को होगी। चुनाव नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इस बीच, जेडीयू और एनडीए की चुनावी तैयारियां भी तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्द ही चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करने वाले हैं। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी बिहार का दौरा करेंगे। वह बीजेपी कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर एनडीए को एकजुट रखने का संदेश देंगे।
नए चेहरों पर जेडीयू का भरोसा
इस बार जेडीयू ने दूसरी सूची में कई नए चेहरों को टिकट देकर पार्टी में नई ऊर्जा भरने की कोशिश की है। जानकारों का मानना है कि जेडीयू ने जातीय और क्षेत्रीय संतुलन के साथ-साथ सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों का चयन किया है। खासकर मुस्लिम मतदाताओं को साधने की रणनीति इसके पीछे साफ नजर आ रही है।
जेडीयू की अंतिम सूची में मुस्लिम उम्मीदवारों को शामिल करने से साफ है कि पार्टी इस बार पुराने अनुभवों से सबक लेते हुए सामाजिक समीकरणों को बेहतर तरीके से साधने की कोशिश में है। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार मुस्लिम उम्मीदवारों को जनता का समर्थन मिलेगा या 2020 जैसा परिणाम दोहराया जाएगा।

