Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव के रण में भाजपा समेत अन्य विपक्षी दलों के नेताओं की ओर से बयानबाजी तेज हो गई है।बिहार चुनाव में मुख्य लड़ाई एनडीए और महागठबंधन के बीच है एक तरफ जहां एनडीए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरे के दम पर जीत का दम भर रही है तो वहीं महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा कर सभी गिले-शिकवों को दूर कर दिया है।महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया है इस पर अब एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है।
बिहार के चुनाव रण में तेज हुई बयानबाजी

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा,तेजस्वी यादव के बगल में बैठे वीआईपी पार्टी के मुकेश भाई जिन्हें अपने समुदाय के इतिहास पर पूरा भरोसा है उन्होंने घोषणा की कि,मल्ला समुदाय तेजस्वी के साथ है।मल्ला समुदाय बिहार की आबादी का 3 प्रतिशत है उन्होंने घोषणा की है अगर उन्हें सत्ता मिली तो वे उपमुख्यमंत्री बनेंगे।ओवैसी ने कहा,अगल एक मल्ला का बेटा उपमुख्यमंत्री बनेगा तो बिहार का 17 प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदाय क्या करेगा?क्या वे सिर्फ दरी बिठाने के लिए हैं अगर एक मल्ला का बेटा उपमुख्यमंत्री बन सकता है तो मोहम्मद का बेटा भी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री बन सकता है इसके लिए हमें अपने लक्ष्य हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता।
लालू-नीतीश पर ओवैसी ने जमकर बोला हमला

आपको बता दें कि,ऐसा पहली बार नहीं जब बिहार विधानसभा चुनावों की तारीखों के बाद ओवैसी ने राजद और तेजस्वी यादव पर सीधा हमला बोला है इससे पहले ओवैसी ने कहा था,तेजस्वी ने डिप्टी सीएम रहते हुए मुसलमानों के लिए क्या किया आजतक?उन्होंने कहा,लालूराज हो या नीतीशराज बिहार की जनता को कुछ नहीं मिला साथ ही नरेंद्र मोदी,नीतीश कुमार और चिराग पासवान को लेकर कहा कि,इन्होंने मिलकर ऐसा कानून बनाया जिससे मस्जिद,दरगाह और कब्रिस्तान को खतरा है इन्होंने हमारी मजहबी शान को खतरे में डाल दिया है।
मुस्लिम समुदाय को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया जा सकता?
ओवैसी ने भाजपा समेत तमाम विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि,मुस्लिम समुदाय को केवल वोट बैंक के रुप में देखा जाता है और उन्हें राजनीतिक हिस्सेदारी से दूर रखा जा रहा है।ओवैसी ने आरोप लगाया अगर 14 प्रतिशत आबादी वाले यादव समुदाय से तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री पद का चेहरा बन सकते हैं और करीब 3 प्रतिशत आबादी वाले मल्लाह (मुकेश सहनी) को उपमुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है तो 17-18 प्रतिशत बड़ी आबादी वाले मुस्लिम समुदाय को मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया जा सकता ?
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