Bihar Election Result: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मुंगेर जिले की महत्वपूर्ण तारापुर विधानसभा सीट पर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने शानदार जीत हासिल की। सम्राट ने RJD के अरुण शाह को 45,000 से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया। यह जीत भाजपा के लिए खास महत्व रखती है, क्योंकि सम्राट चौधरी भाजपा के प्रमुख चेहरों में से एक माने जाते हैं, और उनकी कड़ी मेहनत और रणनीतिक चाल ने उन्हें यह बड़ी सफलता दिलाई है।
Bihar Election Result: शुरुआत से ही बढ़त बनाए रखी
तारापुर सीट पर वोटों की गिनती जैसे ही शुरू हुई, सम्राट चौधरी ने शुरुआत से ही बढ़त बनानी शुरू कर दी। पहले राउंड से ही उन्होंने अपनी मजबूत स्थिति को साबित किया और 5 राउंड तक वह लगभग 6,000 वोटों से आगे रहे। जैसे-जैसे काउंटिंग आगे बढ़ी, सम्राट के वोटों के अंतर में और भी बढ़ोतरी हुई। उनकी जीत को उनकी कड़ी मेहनत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा के ‘मैजिक’ का परिणाम माना जा रहा है।
Bihar Election Result: सम्राट चौधरी का राजनीतिक सफर
सम्राट चौधरी का राजनीतिक करियर काफी दिलचस्प रहा है। वह 1990 में सक्रिय राजनीति में आए और 1995 में एक राजनीतिक मामले में जेल भी गए थे। 1999 में राबड़ी सरकार में वह कृषि मंत्री बने, लेकिन तब उनकी उम्र को लेकर विवाद उठा था। इसके बाद उन्होंने 2000 और 2010 में परबत्ता से विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की। 2014 में वह नगर विकास मंत्री रहे, और 2018 में आरजेडी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। एनडीए सरकार में उन्हें पंचायती राज मंत्री की जिम्मेदारी भी दी गई।
सम्राट चौधरी का परिवार और तारापुर की राजनीतिक धारा
तारापुर सीट पर सम्राट चौधरी का परिवार गहरे राजनीतिक नाते से जुड़ा हुआ है। उनके पिता, शकुनी चौधरी, यहां से छह बार विधायक रहे हैं और उन्होंने आरजेडी, समता पार्टी, कांग्रेस तथा निर्दलीय के रूप में चुनावी मैदान में उतरे थे। वहीं, सम्राट के परिवार का राजनीतिक इतिहास इस सीट पर उनकी मजबूत पकड़ को दर्शाता है। 2020 में जेडीयू के मेवालाल चौधरी की मौत के बाद हुए उपचुनाव में सम्राट के लिए यह सीट और भी महत्वपूर्ण हो गई थी, क्योंकि इस उपचुनाव में जेडीयू के राजीव सिंह ने आरजेडी को हराया था।
तारापुर में जातीय समीकरण का असर
तारापुर विधानसभा क्षेत्र की राजनीति हमेशा से जातिगत समीकरणों पर आधारित रही है, जहां कुशवाहा और यादव समुदाय का महत्वपूर्ण प्रभाव है। इसके अलावा, वैश्य, राजपूत और अन्य सवर्ण समुदाय भी चुनाव परिणामों में अहम भूमिका निभाते हैं। सम्राट चौधरी ने इस चुनाव में इन जातीय समीकरणों में सेंधमारी करते हुए हर वर्ग के मतदाताओं को अपने पक्ष में किया। उनके परिवार की पारंपरिक पकड़ और उनकी व्यक्तिगत पहचान ने उनकी जीत को और भी मजबूत किया।
बीजेपी की राजनीति में तारापुर की विशेष पहचान
इस बार बीजेपी के लिए तारापुर विधानसभा की जीत ने विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक संतुलन को नया मोड़ दिया है। 2020 में जहां जेडीयू के मेवालाल चौधरी ने आरजेडी के दिव्य प्रकाश को हराया था, वहीं इस बार सम्राट चौधरी ने भाजपा के चुनावी नेतृत्व को और मजबूत किया है। इससे बीजेपी के राजनीतिक भविष्य के लिए एक नई दिशा खुली है, और इस चुनावी जीत ने बीजेपी के बिहार में बढ़ते प्रभाव को भी साबित किया है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के तारापुर सीट पर सम्राट चौधरी की जीत भाजपा के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई है। सम्राट ने न सिर्फ अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया, बल्कि जातीय समीकरणों को भी अपने पक्ष में किया। उनकी कड़ी मेहनत और भाजपा के विकासवादी एजेंडे ने इस सीट पर उन्हें अपार सफलता दिलाई है। सम्राट चौधरी की यह जीत बिहार की राजनीति में भाजपा के बढ़ते प्रभाव को और भी मजबूत करती है।
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