Bihar Election: सीट बंटवारे पर घमासान! महागठबंधन में दरार की आहट? तेजस्वी ने दिया अल्टीमेटम

बिहार में महागठबंधन के भीतर सीट शेयरिंग को लेकर गतिरोध बढ़ता जा रहा है। इसी बीच तेजस्वी यादव ने मुकेश सहनी को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा है कि उनकी कोई अतिरिक्त मांग स्वीकार नहीं की जाएगी। तेजस्वी ने साफ कर दिया है कि अगर गठबंधन में बने रहना है तो 15 सीटों पर समझौता करें, अन्यथा स्वतंत्र रूप से अपना निर्णय लेने के लिए वे पूरी तरह आज़ाद हैं।

Aanchal Singh
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Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। तेजस्वी यादव ने वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी की बड़ी मांग को साफ तौर पर खारिज कर दिया है। RJD ने मुकेश सहनी को स्पष्ट संदेश दिया है कि उनकी सिटिंग सीटों पर किसी भी हाल में समझौता नहीं होगा। पार्टी ने पार्लियामेंट्री कमेटी में यह निर्णय लिया है कि RJD अपनी सिटिंग सीटें नहीं छोड़ेगी। वहीं, मुकेश सहनी को 15 सीटों से अधिक देने की कोई संभावना नहीं है। RJD ने साफ कर दिया है कि यदि VIP गठबंधन में रहना चाहता है तो 15 सीटें स्वीकार करनी होंगी, अन्यथा वे स्वतंत्र चुनाव लड़ सकते हैं।

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कांग्रेस और RJD के बीच विवाद गहरा

बिहार के INDIA ब्लॉक महागठबंधन में RJD, कांग्रेस, VIP, CPI, CPM, JMM, RLJP, IIP सहित कई पार्टियां शामिल हैं। लेकिन 243 विधानसभा सीटों के बंटवारे को लेकर RJD और कांग्रेस के बीच विवाद बना हुआ है। कांग्रेस इस बार चुनाव में 70 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, जबकि तेजस्वी यादव 2020 के फॉर्मूले को बदलते हुए कांग्रेस को केवल 52 से 55 सीटें देने के पक्ष में हैं। हालांकि कुछ चर्चाओं के मुताबिक, RJD कांग्रेस को 61 सीटें देने को तैयार हो सकती है, लेकिन कांग्रेस ने साफ अल्टीमेटम दिया है कि यदि 70 सीटें नहीं मिली तो वे अकेले चुनाव लड़ेंगी।

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VIP, लेफ्ट पार्टियों और JMM की बढ़ती मांगें

महागठबंधन में VIP के मुकेश सहनी के अलावा लेफ्ट पार्टियां और JMM भी अधिक सीटों की मांग कर रही हैं। इसी खींचतान के चलते 13 अक्टूबर को दिल्ली में होने वाली सीट शेयरिंग की घोषणा टल गई थी। अब उम्मीद है कि 14 अक्टूबर को इस विवाद का अंत होगा और सीट शेयरिंग का फाइनल ऐलान किया जाएगा। गठबंधन के अंदर चल रही इस खींचतान ने चुनावी रण को और पेचीदा बना दिया है।

तीसरा मोर्चा और नई पार्टियां चुनावी मैदान में

इस बार बिहार चुनाव में महागठबंधन और NDA के अलावा तीसरे मोर्चे की भूमिका भी अहम होगी। असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM ने मुस्लिम बहुल 32 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, जो दोनों महागठबंधनों के मुस्लिम वोट बैंक को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा, प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी और तेजप्रताप यादव की जनशक्ति जनता दल भी मैदान में हैं। तेजस्वी यादव ने पहले ही RJD के अंदर इन नई पार्टियों को लेकर चेतावनी दे दी है कि वे अपने वोट बैंक की रक्षा के लिए कड़ा रुख अपनाएंगे।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीट शेयरिंग का मसला अब निर्णायक मोड़ पर है। महागठबंधन के लिए यह चुनौती बड़ी है कि वह अपने अंदर चल रहे विवादों को सुलझा कर चुनाव में मजबूत तालमेल दिखा सके। विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ नई राजनीतिक ताकतों की एंट्री ने चुनावी समीकरणों को और जटिल बना दिया है। आने वाले दिनों में सीट शेयरिंग फाइनल होने और गठबंधन की रणनीतियों पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।

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