Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने शुक्रवार से अपने चुनावी प्रचार की शुरुआत कर दी है। पटना से रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत में तेजस्वी ने कहा, “अगर जनता हमें मुख्यमंत्री बनाती है, तो बिहार के लोग चिंता मुक्त हो जाएंगे। हमारी राजनीति झूठ नहीं, भरोसे की राजनीति है।”
तेजस्वी यादव का चुनावी अभियान
तेजस्वी यादव की पहली रैली सहरसा में आयोजित की गई, जहां उन्होंने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “गुजरात के दो लोग बिहार को चलाने की कोशिश कर रहे हैं। मोदीजी गुजरात में फैक्ट्री लगाएंगे, बिहार में जीत चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होने वाला है। हम बिहारी हैं, हम बाहरियों से नहीं डरते। अगर लालूजी मोदी से नहीं डरते, तो क्या उनका बेटा डरेगा?”तेजस्वी ने अपने भाषण में यह भी जोर दिया कि महागठबंधन की राजनीति भरोसे और जनता की भलाई पर आधारित है, जबकि भाजपा और एनडीए की नीतियाँ बिहार की जनता के हितों से दूर हैं।
पीएम मोदी का चुनावी दौरा
वहीं, बिहार चुनाव 2025 के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज से प्रचार अभियान शुरू किया। शुक्रवार को पीएम मोदी सबसे पहले समस्तीपुर में जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद दोपहर 2 बजे बेगूसराय जाएंगे, जहां उनका दूधपूरा में करीब 45 मिनट का कार्यक्रम निर्धारित है।विशेषज्ञ मानते हैं कि दोनों बड़े नेताओं की इस तरह की प्रतिस्पर्धात्मक रैलियाँ और जनसभाएँ बिहार विधानसभा चुनाव की दिशा तय कर सकती हैं। भाजपा और महागठबंधन के बीच चुनावी मुकाबला बेहद तीव्र होने की संभावना है।
चुनावी माहौल और रणनीति
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि तेजस्वी यादव का संदेश स्थानीय मुद्दों और भरोसे की राजनीति पर केंद्रित है। वहीं, पीएम मोदी की रैलियों का मुख्य फोकस विकास, केंद्र की योजनाएँ और एनडीए की उपलब्धियों पर रहेगा।
इस बार चुनाव में बिहार की जनता विभिन्न मुद्दों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने वाली है। बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और रोजगार जैसे मुद्दे चुनावी रणभूमि में प्रमुख रहेंगे। महागठबंधन और एनडीए के बीच बिहार चुनाव 2025 का मुकाबला कड़े मुकाबले और राजनीतिक रणनीति का प्रतीक बन चुका है। तेजस्वी यादव और पीएम मोदी दोनों ही जनसभा और रोड शो के माध्यम से जनता को जोड़ने और अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं।
